वाराणसी के भोजूबीर चौराहे के पास कार ने कुचल दिया सांड़ को, लोगों ने की मरहम-पट्टी

वाराणसी के भोजूबीर चौराहा स्थित चौरा माता मंदिर के पास शुक्रवार की सुबह बाबतपुर से आ रही कार ने डिवाइडर के पास बैठे सांड के पैर को कुचल दिया। इसके बाद दर्द से यह बेजुबां तड़प उठा। उसके पैर से निकल रहे खून से सड़क लाल हो गई।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Fri, 05 Mar 2021 04:29 PM (IST) Updated:Fri, 05 Mar 2021 04:29 PM (IST)
वाराणसी के भोजूबीर चौराहे के पास कार ने कुचल दिया सांड़ को, लोगों ने की मरहम-पट्टी
बाबतपुर से आ रही कार ने डिवाइडर के पास बैठे सांड के पैर को कुचल दिया।

वाराणसी, जेएनएन। अविनाशी काशी के निवासी को कण-कण में शिव ही नजर आते हैं। यहां तो पत्थरों से लोग प्रेम करते हैं। बेजुबां में तो फिर भी जीव बसता है। उसका दर्द कैसे सह पाएंगे। बात भोजूबीर चौराहा स्थित चौरा माता मंदिर की है। शुक्रवार की सुबह बाबतपुर से आ रही कार ने डिवाइडर के पास बैठे सांड के पैर को कुचल दिया।

इसके बाद दर्द से यह बेजुबां तड़प उठा। उसके पैर से निकल रहे खून से सड़क लाल हो गई। यह देख कुछ लोगों ने नगर निगम के पशु चिकित्सालय को सूचित किया। हालांकि, जब तक पशु चिकित्सा टीम मौके पर पहुंचती, खुद ही इलाज में जुट गए। समीप के मेडिकल स्टोर के मालिक अनिल सिंह ने मुफ्त में मरहम पट्टी दी। स्थानीय निवासी आलोक सिंह, धीरू, चंदन, जोगेंद्र, गुड्डू, मनोज, रोहित आदि ने इलाज शुरू किया। पहले पैर के घाव को धोया फिर उस पर मरहम लगाकर पट्टी की। हालांकि, रक्त स्राव इतना तेज हो रहा था कि इस प्राथमिक उपचार से रुका नहीं। जब पशु चिकित्सालय की टीम मौके पर पहुंची तो दुकानदार ने फिर से मरहम पट्टी दी। दोबारा प्राथमिक उपचार कर पशु बंदी वाहन से उसे पशु चिकित्सालय ले जाया गया।

500 मीटर की दूरी सवा घंटे में

दुर्घटना में घायल हुए सांड के इलाज को लेकर अपर नगर आयुक्त सुमित कुमार को सूचित किया गया। उन्होंने विभागीय ग्रुप में सूचना पोस्ट कर तुरंत मौके पर पहुंचने के लिए आदेशित किया। इसके बाद पशु चिकित्साधिकारी डा. अजय सिंह को भी सूचना दी गई लेकिन सारी तत्परता कर्मचारियों के स्तर पर फेल हो गई। दुर्घटना स्थल से कांजी हाउस की दूरी महज पांच सौ मीटर थी लेकिन वहां से कर्मचारी को मौके पर पहुंचने में सवा घंटे लग गए। इसके बाद कबीरचौरा पशु अस्पताल से चिकित्सकों की टीम पहुंची और इलाके के लिए अस्पताल लेकर गए।

108 एंबुलेंस की तर्ज पर हो व्यवस्था

कई स्मार्ट सिटी में पशु चिकित्सा के लिए एंबुलेंस 108 की तर्ज पर व्यवस्था की गई है। आकस्मिक सेवा के लिए पशु चिकित्सकों का दल मौके पर जाता है और वहीं पर पशुओं का इलाज करता है। वहीं, गोवंशों के लिए नगर निगम के आश्रय केंद्र खुले हैं। शहर में घूम रहे गोवंशों को वहां विस्थापित करने का आदेश है लेकिन अनुपालन में कमी से शहर के कचरा घरों के आसपास बड़ी संख्या में निराश्रित पशुओं का जमावड़ा होना आम है। 

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