वाराणसी में डीएस रिसर्च सेंटर द्वारा कैंसर जागरुकता का आयोजन, महिलाओं के स्‍वास्‍थ्‍य पर जोर

अब स्तन कैंसर की पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ गई है। प्रति वर्ष अक्टूबर माह में वार्षिक स्वास्थ्य अभियान का उद्देश्य बीमारी के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। इसी को लेकर सोमवार को डीएस रिसर्च सेंटर द्वारा ब्रेस्ट कैंसर के प्रति लोगों को जागरुक किया गया।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Mon, 18 Oct 2021 05:58 PM (IST) Updated:Mon, 18 Oct 2021 06:06 PM (IST)
वाराणसी में डीएस रिसर्च सेंटर द्वारा कैंसर जागरुकता का आयोजन, महिलाओं के स्‍वास्‍थ्‍य पर जोर
अक्टूबर माह में वार्षिक स्वास्थ्य अभियान का उद्देश्य बीमारी के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। कैंसर पिछले कुछ सालों में तेजी से बढ़ रहा है। पुरुषों के अलावा महिलाओं में बच्चेदानी और स्तन कैंसर के काफी मामले हर वर्ष सामने आ रहे है। इससे पहले जहां बच्चेदानी का कैंसर महिलाओं में सबसे सामान्य था। वहीं अब स्तन कैंसर की पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ गई है। प्रति वर्ष अक्टूबर माह में वार्षिक स्वास्थ्य अभियान का उद्देश्य बीमारी के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। इसी को लेकर सोमवार को डीएस रिसर्च सेंटर द्वारा ब्रेस्ट कैंसर के प्रति लोगों को जागरुक किया गया।

इस सम्बंध में डीएस रिसर्च सेंटर की डाइटीशियन मंजरी बाजपेयी ने बताया कि ब्रेस्ट कैंसर अवेयरनेस पूरे विश्व में अक्टूबर माह में मनाया जाता है। जिसको लेकर आज आयोजन रखा है। लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए ब्रेस्ट कैंसर के बारे में बचाव और उपचार पर भी मंथन किया गया। कहा कि लोगों को सबसे जरूरी बात यह समझाना है कि अपने जीवन की दिनचर्या को सुधारना जरूरी है। क्योंकि हम लोग अपने लाइफ स्टाइल को बिल्कुल नहीं सम्भाल रहे हैं उसकी वजह से यह तकलीफ ज्यादा हो रही है और लोगों का खाना-पीना भी सही तरह से सेवन न करना और फैटी चीजों का सेवन कर रहे है। उसके वजह से यह ब्रेस्ट कैंसर हो रहा है।

इसी क्रम में विनय त्रिपाठी ने बताया कि अक्टूबर माह ब्रेस्ट कैंसर को लेकर मनाया जाता है और कैंसर एक बहुत बड़ी महामारी की तरह भारत ही नहीं पूरे विश्व मे फैलता जा रहा है। ऐसे में यह जागरूकता फैलाना बहुत जरूरी है। लोगों में यह भी इस बात की जानकारी होनी चाहिए महिलाएं ही नही पुरुष भी ब्रेस्ट कैंसर के चपेट मे आ रहे है। यह अलग बात है कि उनको इस बारे में जानकारी नहीं होती और उन्हें यह लगता है कि शायद हमे ब्रेस्ट कैंसर नही हो सकता है। जबकि पुरुषों की मृत्युदर कहीं ज्यादा है।

महिलाओं में कैंसर सबसे ज्यादा देखने को मिलता है। बहुत सारे मासिक धर्म अनियमितता के वजह से जैसे दिनचर्या और खान-पान ठीक तरह से नहीं हो पाता जो उनमें बहुत अवेयरनेस की जरूरत होती है। इसी को लेकर डीएस रिसर्च सेंटर पिछले 50 सालों से आयुर्वेदिक माध्यम से कैंसर रोगियों की सेवा करते आ रहे उनको ट्रीटमेंट देते आ रहे हैं। तो एक बहुत ही अच्छी जानकारी मिलती है साथ ही अनुभव भी मिलता है। जिसको लेकर हम भी यह पूरा महीना अवेयरनेस के तौर पर मना रहे हैं।

इस दौरान डीएस रिसर्च सेंटर के एमडी अशोक द्विवेदी, क्लिनिक इंचार्ज सुनील सिंह, एचआर सुरभी सिंह, असिस्टेंट एच्आर सृष्टि जायसवाल, आहार विशेषज्ञ मंजरी बाजपेई, ब्रांडिंग हेड विनय त्रिपाठी के अलावा डीएस रिसर्च सेंटर के कर्मचारी उपस्थित रहे।

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