वाराणसी में आंबेडकर जयंती पर विकास प्राधिकरण की सहेज ले बूंदे अभियान आरंभ तो हुआ लेकिन नहीं बढ़ा आगे

भवनों में निर्धारित मानक के अनुरूप रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाने के लिए अभियान चलाकर पहल करनी थी। इसकी शुरूआत आंबेडकर जयंती के अवसर पर हुई भी लेकिन कोरोना संक्रमण के फैलते दायरे से वीडीए टीम 15 अप्रैल के बाद फील्ड में निकली ही नहीं।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Sat, 08 May 2021 07:20 AM (IST) Updated:Sat, 08 May 2021 07:20 AM (IST)
वाराणसी में आंबेडकर जयंती पर विकास प्राधिकरण की सहेज ले बूंदे अभियान आरंभ तो हुआ लेकिन नहीं बढ़ा आगे
भवनों में निर्धारित मानक के अनुरूप रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाने के लिए अभियान चलाकर पहल करनी थी।

वाराणसी, जेएनएन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बारिश की अमृत बूंदों को सहेज लेने के लिए सभी से अपील की थी। इस क्रम में वाराणसी विकास प्राधिरकण ने महायोजना 2031 में नियोजित नगर विकास के लिए बने नियमों के तहत एक बडृा अभियान चलाने की तैयारी कर ली थी। इसके तहत 300 या इससे अधिक वर्गमीटर क्षेत्रफल में बन चुके या फिर बन रहे भवनों में निर्धारित मानक के अनुरूप रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाने के लिए अभियान चलाकर पहल करनी थी। इसकी शुरूआत आंबेडकर जयंती के अवसर पर हुई भी लेकिन कोरोना संक्रमण के फैलते दायरे से वीडीए टीम 15 अप्रैल के बाद फील्ड में निकली ही नहीं।

इसकी वजह, एक-एक कर 10 के करीब कर्मचारी संक्रमित हो गए। इसमें एक अफसर की मौत भी हो गई जिस कारण सभी कार्य प्रभावित हो गए। इसमें सात विकास योजनाएं भी हैं जिसको लेकर कहा जा सकता है कि अधिकत पूरी तहर ठप हैं। हां, प्राथमिकता वाली योजना जैसे दशाश्वमेध प्लास निर्माण धीमी गति से जारी है। वीडीए के नियामानुसार 300 या उससे अधिक वर्गमीटर में बनने वाले सरकारी व गैर सरकारी भवनों मं रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना बाध्यता है। इसमें मल्टी स्टोरी भवन भी शामिल हैं। इन शर्तों पर ही भवन स्वामी को विकास प्राधिकरण नक्शा पास करता है। यदि भवन स्वामी शर्तों का उल्लंघन करते हैं ताे उनकाे विकास प्राधिकरण पूर्णता प्रमाण पत्र नहीं देता है। साथ ही टाइम लाइन खत्म होने पर स्वीकृत नक्शा भी खारीज हो जाता है। अब तक रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने वाले सरकारी भवनों में सर्किट हाउस, विकास भवन,, कचरी में बने नए भवनों, कमिश्नरी भवन समेत अफसरों के भवन हैं। निजी भवनों की संख्या 90 से आगे नहीं बढ़ सकी हैं जबकि हजारों की संख्या में मल्टीस्टोरी भवन बन रहे हैं। इन्हीं भवनों में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाने का संकल्प वीडीए लेकर चल रहा था। यह काम बरसात से पहले कर लेनी थी लेकिन कोरोना ने पूरी मंशा पर पानी फेर दिया।

वीडीए की ये परियोजनाएं हुईं प्रभावित

-उंदी ताल टूरिस्ट ईको स्पॉट

-प्रधानमंत्री आवास योजना

-आठ तालाब-कुंडों का सौंदर्यीकरण कार्य

-पद्यम विभूषण गिरिजा देवी सांस्कृतिक संकुल ऊंच्चीकरण कार्य

-दशाश्वमेध टूरिस्ट प्लाजा निर्माण

-गढ़वासी टोला स्मार्ट वार्ड का कार्य

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