पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्यक्रम तो 1982 से चल रहे पर संवेदना अब बढ़ी, यूथ लीडिंग द वर्ल्‍ड युवा कांग्रेस का आयोजन

तुलसी घाट पर गंगा प्रदूषण के प्रति जन जागरुकता के लिए आयोजित छात्र- युवा सम्मेलन का आरंभ द्वीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Wed, 20 Nov 2019 11:19 AM (IST) Updated:Wed, 20 Nov 2019 07:32 PM (IST)
पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्यक्रम तो 1982 से चल रहे पर संवेदना अब बढ़ी, यूथ लीडिंग द वर्ल्‍ड युवा कांग्रेस का आयोजन
पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्यक्रम तो 1982 से चल रहे पर संवेदना अब बढ़ी, यूथ लीडिंग द वर्ल्‍ड युवा कांग्रेस का आयोजन

वाराणसी, जेएनएन। ग्लोबल वार्मिंग जैसी विश्व स्तरीय समस्या पर बुधवार को तुलसी घाट पर संकट मोचन फाउंडेशन व आस्ट्रेलिया की संस्था ओज ग्रीन की ओर से यूथ लीडिंग द वल्र्ड युवा कांग्रेस का आयोजन हुआ। इसमें विशेषज्ञों ने कहा कि अगर पर्यावरणीय समस्या को हर कोई गंभीरता से नहीं लिया तो आने वाले समय में समस्या और बढ़ जाएगी। इस दौरान कुछ युवाओं ने ऑस्ट्रेलिया के अपने समकक्षों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये भी बातचीत की।

 सम्मेलन का उद्घाटन संकट मोचन फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रो. विश्वम्भर नाथ मिश्र ने किया। कहा कि हमें ग्लोबल वार्मिंग के खतरों के प्रति सचेत रहने की जरूरत है। प्रदूषण इसके प्रमुख कारक हैं। भारत में गंगा प्रदूषण पर कार्यक्रम 1982 से आरम्भ हुआ है। पर्यावरण के प्रति संवेदना उस समय उतनी नहीं थी जितनी आज है। गंगा नदी नहीं है बल्कि नदियों में महानदी है। गंगा का हमसे जुड़ाव जीवन से है। इसलिए गंगा हमारे लिए आदरणीय है। उधर, ग्लोवल वार्मिंग की समस्या व समाधान के लिए दोनों देशों के युवाओं के विचार लगभग समान रहे लेकिन जल, वायु व ध्वनि प्रदूषण के कारण व उसका समाधान अलग-अलग सुझाए गए। सभी युवाओं ने इसके कारणों में जंगलों  व महानगरों से पेड़ों की अंधाधुंध कटाई पर चिंता जताई और पौधरोपण जैसे विश्व स्तरीय समाधान सुझाये गए। इस दौरान ऑस्ट्रेलिया के सिडनी से ब्रिसबेन तक 6000 किमी तक लगी आग को शांत करने के लिए युवाओं ने ईश्वर से मौन प्रार्थना की। यूथ कांग्रेस में तुलसी विद्या निकेतन के भी विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इस मौके पर आस्ट्रेलिया की सू लेनाक्स, एली थ्वायट, अमेरिका की कैथरीन पोर्टर, विक्टर, मदर फार मदर की अध्यक्ष आभा मिश्र, राजेश मिश्र, अशोक पांडेय, गोपाल पांडेय, शिव मूरत राजभर, विमल गुप्ता आदि उपस्थित थे।

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