मनरेगा कंट्रोल रूम पर फोन कर युवा मांग रहे जॉब, वाराणसी मंडल के अन्य जिलों से भी आ रहे फोन
कोविड संक्रमण के दौरान गाँवों में अन्य शहरो से आए हुए लोगों को व वाराणसी में आंशिक कर्फ्यू के कारण बेरोजगार हुए लोगो को मनरेगा में काम देने के लिए जिले में एक सप्ताह पूर्व कंट्रोल रूम स्थापित किया गया था।
वाराणसी, जेएनएन। कोविड संक्रमण के दौरान गांवों में अन्य शहरों से आए हुए लोगों को व जिले में आंशिक कर्फ्यू के कारण बेरोजगार हुए लोगों को मनरेगा में काम देने के लिए जिले में एक सप्ताह पूर्व कंट्रोल रूम स्थापित किया गया था। इसका उद्देश्य यह था कि मनरेगा में अपने जिले के मजदूरों को काम उपलब्ध कराया जाए। किसी का जॉब कार्ड नहीं है तो तत्काल बनाया जाए और काम उपलब्ध कराया जाए।
इधर, सोशल मीडिया पर कंट्रोल रूम का नम्बर शेयर होने के कारण जिले से बाहर से लोग फोन कर जॉब मांग रहे हैं। बहुतायत, मीरजापुर, भदोही समेत अन्य जिले के युवा फोन कर अपना दर्द साझा कर रहे हैं। हालांकि कंट्रोल रूम के कर्मचारी सब सुनने के बाद बता रहे हैं कि यहां कोई जॉब नहीं बल्कि मनरेगा में काम दिया जा रहा है। बहरहाल, कुछ कर्मचारियों की बात सुन लेते हैं तो कुछ अपशब्दों की झड़ी लगाकर गुस्सा भी उतारते हैं।
जिले के विभिन्न ब्लाकों से अभी तक 30 से अधिक लोगो ने मनरेगा में काम की मांग की है। इसमे दस लोगों ने मनरेगा जॉब कार्ड बनवाने की सिफारिश की है। इन सभी की शिकायतें नोट कर इस पर कार्यवाही शुरू हो गई है।
पंचायत में सिर्फ काम, शेष विभाग कार्ययोजना बनाने में जुटे
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में आदर्श आचार संहिता की वजह से पंचायतो में नए कार्य का सृजन नहीं हुआ है। पांच मई को आचार संहिता समाप्त होने के बाद सभी विभाग कार्ययोजना बनाने में जुटे हुए हैं। मनरेगा में इस समय सामुदायिक शौचालय व् पंचायत भवन निर्माण में ही काम मिल रहे हैं। इसकी भी संख्या बहुत सीमित है। हालांकि विभागीय अफसरों का कहना है कि एक सप्ताह के बाद अन्य कार्ययोजना खासकर खड़ंजा निर्माण, तालाब की खोदाई आदि में कार्य मजदूरों को मिलने लगेंगे।