फोन कीजिए दो घंटे में पहुंचेगा एलपीजी सिलेंडर, पीएम के संसदीय क्षेत्र से औपचारिक रूप से शुरू की गई सुविधा

सिंगल एलपीजी सिलेंडर के ग्राहकों के यहां जब गैस खत्म होती है तो उन्हें दूसरे से सिलेंडर मांगना पड़ता है या फिर कुछ दिन इंतजार करना पड़ता है। उन्हें काफी परेशानी झेलनी पड़ती है लेकिन अब उनकी यह समस्या खत्म होने वाली है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Sun, 28 Feb 2021 08:30 AM (IST) Updated:Sun, 28 Feb 2021 10:01 AM (IST)
फोन कीजिए दो घंटे में पहुंचेगा एलपीजी सिलेंडर, पीएम के संसदीय क्षेत्र से औपचारिक रूप से शुरू की गई सुविधा
फोन करने पर दो घंटे में ही एलपीजी सिलेंडर घर पहुंच जाएगा।

वाराणसी [मुकेश चंद्र श्रीवास्तव]। सिंगल एलपीजी सिलेंडर के ग्राहकों के यहां जब गैस खत्म होती है तो उन्हें दूसरे से सिलेंडर मांगना पड़ता है या फिर कुछ दिन इंतजार करना पड़ता है। उन्हें काफी परेशानी झेलनी पड़ती है, लेकिन अब उनकी यह समस्या खत्म होने वाली है। उनको फोन करने पर दो घंटे में ही एलपीजी सिलेंडर के उनके घर पहुंच जाएगा। इस सुविधा की औपचारिक शुरूआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र से की गई है।

इस सुविधा का लाभ लेने के लिए ग्राहकों को आगे चलकर 25 रुपये अतिरिक्त राशि देनी होगी। हालांकि फिलहाल अभी अतिरिक्त राशि नहीं ली जा रही है। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस और इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने दैनिक जागरण को बताया कि फोन करने पर मात्र दो घंटे में ही एलपीजी सिलेंडर पहुंचाने के लिए निर्देश दे दिया गया है। इस सुविधा से उन ग्राहकों को काफी सहूलियत मिलेगी जिनके पास एक ही सिलेंडर है।

पूरे उप्र में सीएनजी, 500 जिलों में पीएनजी : प्रधान

पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस और इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शनिवार को कहा कि जल्द पूरे उत्तर प्रदेश में सीएनजी पहुंचाई जाएगी। पहले सिर्फ 95 जिलों में पीएनजी (पाइप्ड प्राकृतिक गैस) की सुविधा थी, जिसे 450 जिलों तक पहुंचाया गया है। इस साल यह संख्या बढ़ाकर 500 कर दी जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इलेक्ट्रानिक एवं सीएनजी वाहनों की ओर बढऩे की अपील र्है। इससे न सिर्फ खर्च घटेगा, पर्यावरण संरक्षण भी होगा।  प्रधान ने सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मार्च के बाद एलपीजी (घरेलू गैैस) के भाव में गिरावट की उम्मीद है। डीजल-पेट्रोल की बढ़ती कीमतों पर कहा कि कोरोना के कारण पेट्रोलियम पदार्थों की मांग घटी थी। इस कारण उत्पादक देशों ने मई से उत्पादन कम कर दिया था। अब मांग तो सामान्य हो गई, उत्पादन को पुराने स्तर पर पहुंचने में समय लग रहा है। वैसे भी नवंबर से मार्च के बीच अक्सर ही कीमतें बढ़ती हैैं। मूल्य को लेकर उन्होंने केंद्र एवं राज्य सरकारों को भी समन्वय बनाने पर जोर दिया।  प्रधान ने कहा कि कोरोना काल में कारोबार के साथ ही लोगों की जान बचाना सरकार की प्राथमिकता थी। पिछले साल बजट में खर्च के लिए 4.5 लाख करोड़ का प्रविधान था, जिसे इस बार 32 फीसद बढ़ाकर पांच लाख करोड़ किया गया है। रोजगार, चिकित्सा सेवा एवं अन्य सुविधाएं बढ़ाने के लिए टैक्स को कम कर पाना संभव नहीं है।

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