बीपी पासपोर्ट बनवाकर देश में कही भी दवा पा सकते हैं, देख सकेंगे बीमारी और इलाज की हिस्ट्री

एनसीडी सेंटर पर पर मधुमेह व उच्च रक्तचाप की जांच के साथ दवाएं भी मिलती है। मुंह स्तन व बच्चेदानी के कैंसर की स्क्रीनिंग भी की जाती है। एनसीडी के एपिडेमेलाजिस्ट डा. डीपी सिंह ने बताया कि जले में एक हजार पर 370 लोग इस समस्या से ग्रसित है।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Thu, 02 Dec 2021 09:38 AM (IST) Updated:Thu, 02 Dec 2021 09:38 AM (IST)
बीपी पासपोर्ट बनवाकर देश में कही भी दवा पा सकते हैं, देख सकेंगे बीमारी और इलाज की हिस्ट्री
एनसीडी सेंटर पर पर मधुमेह व उच्च रक्तचाप की जांच के साथ दवाएं भी मिलती है।

वाराणसी, [मुकेश चंंद्र श्रीवास्‍तव]। भले ही कैंसर, किडनी, कोरोना सहित तमाम बीमारियां घातक हैं, लेकिन शुगर व बीपी की समस्या भी घातक बनती जा रही है। कारण यह कि शुगर को सभी रोगों की जननी माना जा रहा है। वहीं बीपी में उतार-चढ़ाव से ब्रेन हैमरेज का भी खतरा बढ़ता जा रहा है। मरीजों की इस समस्या को लेकर सरकार भी चिंतित है। इस समस्या से निजात दिलाने के लिए 'बीपी पासपोर्ट' बनाया जा रहा है। जिन मरीजों का यह पासपोर्ट बन जाएगा वे देश में कही भी एनसीडी (गैर संचारी रोग) सेंटर से दवा ले सकेंगे। इस पासपोर्ट में क्यूआर कोड होगा, जिसे सेंटर के चिकित्सक एप के माध्यम से आनलाइन देख सकेंगे। इससे पता चल जाएगा कि मरीज की कब जांच हुई थी और कब-कब दवा ली गई है।

एनसीडी सेंटर पर पर मधुमेह व उच्च रक्तचाप की जांच के साथ दवाएं भी मिलती है। साथ ही इस पासपोर्ट के माध्यम से मुंह, स्तन व बच्चेदानी के कैंसर की स्क्रीनिंग भी की जाती है। एनसीडी के एपिडेमेलाजिस्ट डा. डीपी सिंह ने बताया कि जले में एक हजार पर 370 लोग इस समस्या से ग्रसित है। उन्होंने बताया कि इस पासपोर्ट का यह भी लाभ है कि इसे दिखा कर मरीज को एक माह तक की दवा मिल जाएगी। साथ ही उनकी जब दवा खत्म होने वाली होगी तो कुछ दिन पहले ही एप के माध्यम से उनके पास मैसेज चला जाएगा। इसके बाद वे सेंटर पर जाकर दवा ले सकेंगे। उन्होंने बताया कि अभी लोगों में मधुमेह व बीपी की समस्या को लेकर जागरूकता की कमी है। ऐसे में लोगों को चाहिए कि सेंटर पर आकर बीपी पासपोर्ट बनाकर इस सुविधा का लाभ लें।

पांडेयपुर स्थित पंडित दीनदयाल अस्पताल स्थित एनसीडी क्लिनिक के डा. विनोद आनंद सिंह ने बताया कि मधुमेह व बीपी को अब इमरजेंसी सेवा में माना जाने लगा है। इस लिए यहां पर 10 बेड का सीसीयू वार्ड भी खुलेगा। ताकि अगर ब्रेन स्ट्राेक के मरीज आते हैं तो उनका तत्काल उपचार हो सके।

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