सामान नहीं बिल बेचने के धंधे का भंडाफोड़, वाणिज्यकर विभाग वाराणसी ने पांच फर्जी फर्में पकड़ीं

सरकार कारोबारियों को तमाम सुविधाएं दे रही है। विभिन्न टैक्सों को कम करने के अलावा ज्यादातर सुविधाएं आनलाइन की जा रही हैं लेकिन कुछ लोग इसका गलत उपयोग कर रहे हैं। ऐसे ही फर्जीवाड़ा करने वालों का वाणिज्य कर विभाग (एसजीएसटी) ने भंडाफोड़ किया है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Wed, 16 Jun 2021 09:10 AM (IST) Updated:Wed, 16 Jun 2021 09:10 AM (IST)
सामान नहीं बिल बेचने के धंधे का भंडाफोड़, वाणिज्यकर विभाग वाराणसी ने पांच फर्जी फर्में पकड़ीं
वाणिज्‍यकर विभाग ने वाराणसी, सोनभद्र, मऊ व बलिया की पांच फर्जी फर्मों को पकड़ा है।

वाराणसी, [मुकेश चंद्र श्रीवास्तव]। सरकार कारोबारियों को तमाम सुविधाएं दे रही है। विभिन्न टैक्सों को कम करने के अलावा ज्यादातर सुविधाएं आनलाइन की जा रही हैं, लेकिन कुछ लोग इसका गलत उपयोग कर रहे हैं। ऐसे ही फर्जीवाड़ा करने वालों का वाणिज्य कर विभाग (एसजीएसटी) ने भंडाफोड़ किया है। विभाग ने वाराणसी, सोनभद्र, मऊ व बलिया की पांच फर्जी फर्मों को पकड़ा है। ये सामान नहीं भेजती थीं और अपना बिल बेचकर अवैध कारोबार करती थी। अब इन पर नकेल कसी जा रही है।

दरअसल, एक कारोबारी जब दूसरे कारोबारी के यहां माल भेजता है तो दिखाता है उसने टैक्स अदा कर दिया है। इसके बाद माल की खरीद करने वाले कारोबारी को रिबेट के रूप में टैक्स वापस मिल जाता है। वाणिज्य कर विभाग जोन द्वितीय के अपर आयुक्त-प्रथम प्रदीप कुमार ने बताया कि ङ्क्षपडरा-वाराणसी में सुपारी का कारोबार करने वाली फर्म श्रीगणेश ट्रेडर्स को पकड़ा गया है। इसकी जांच मंगलवार को भी की गई। इसमें पाया गया कि यह फर्म कमीशन पर दूसरी फर्मों को अपना बिल बेचती थी। इसके साथ ही सोनभद्र में अंसारी स्टील टेडर्स, बलिया में नागिया आयरन एंड स्टील ट्रेडर्स, बलिया के ही सिकंदरपुर में चंद्रा स्टील ट्रेडर्स व मऊ के छित्तनपुर में आर्यन स्टील इंटरप्राइजेज फर्म फर्जी बिल का कारोबार करते थे। उन्होंने बताया कि इन सभी का पंजीयन निरस्त करने के साथ ही जिन कारोबारियों ने इन बिलों से माल खरीदे हैं उनपर भी कार्रवाई की जाएगी। उनसे टैक्स वसूली के साथ ही पपत्र फर्जी पाए जाने पर एफआइआइ भी दर्ज कराई जाएगी। अपर आयुक्त ने बताया कि अवैध कारोबार करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।

21 खंड में 63 अधिकारियों को करना है सुनवाई

वाणिज्य कर विभाग के 21 खंड के 63 अधिकारियों को 42 हजार मामलों के कर निर्धारण की सुनवाई करनी है। इसके लिए व्यापारी को स्वयं या अधिवक्ता के माध्यम से विभाग में अपनी उपस्थिति दर्ज करानी होती है। व्यापारी के अनुपस्थित रहने की दशा में कर निर्धारण अधिकारी एक पक्षीय सुनवाई कर देता है। इसके बाद व्यापारी को दोबारा सुनवाई करवाना पड़ता है।

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