पटना से वाराणसी जा रही यात्रियों से भरी बस ट्रक से भिड़ी, चालक की मौत और 10 गंभीर रुप से घायल
सिंघीताली के समीप राष्ट्रीय राजमार्ग पर रविवार की सुबह सड़क किनारे खड़े ट्रक से यात्रियों से भरी बस भिड़ गई। इससे सासाराम के रहने वाले बस चालक धनजी यादव (45) की मौके पर ही मौत हो गई जबकि बस में सवार 10 यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए।
चंदौली, जेएनएन। अलीनगर थाना क्षेत्र के सिंघीताली के समीप राष्ट्रीय राजमार्ग पर रविवार की सुबह सड़क किनारे खड़े ट्रक से यात्रियों से भरी बस भिड़ गई। इससे सासाराम के रहने वाले बस चालक धनजी यादव (45) की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि बस में सवार 10 यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों की चीख - पुकार सुनकर पहुंचे लोगों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने एंबुलेंस से सभी घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया। यहां छह की हालत गंभीर होने पर चिकित्सकों ने ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया।
बस पटना से यात्रियों को लेकर वाराणसी जा रही थी। जैसे ही हाईवे पर सिंघीताली के समीप पहुंची, तभी अचानक अनियंत्रित होकर सड़क किनारे खड़े ट्रक से टकरा गई। टक्कर इतनी जोरदार की थी कि बस के केबिन के परखचे उड़ गए। वहीं चालक की मौत हो गई। बस में सवार सिंगरौली के रहने वाले अभिषेक रजक (22), मध्य प्रदेश के मधुबनी के लल्लू मिश्रा (38), फतेहपुर के सूरजपाल (52), प्रयागराज के राजेश मिश्रा (24), कानपुर देहात की कमला (22), अांबेडकर नगर के लालबहादुर (33), अनुपम यादव (27), कुशीनगर के अमित कुमार (33), शेखपुर के समीर कुमार (20) और बिहार के नालंदा निवासी मिथिलेश कुमार (30) गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों की चीखपुकार सुनकर राहगीर पहुंच गए।
पुलिस ने एंबुलेंस की मदद से सभी घायलों को जिला अस्पताल पहुंचाया। घटना की जानकारी मिलते ही अस्पताल का पूरा स्टाफ अलर्ट हो गया था। घायलों का प्राथमिक उपचार किया गया। इसमें अभिषेक रजक, लल्लू मिश्रा, सूरजपाल, राजेश मिश्रा, कमला व लालबहादुर की हालत गंभीर होने पर उन्हें बीएचयू ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया गया। आशंका जताई जा रही है कि सुबह के वक्त चालक को झपकी लगने की वजह से बस अनियंत्रित होकर ट्रक से टकराई होगी।
परीक्षा देकर पटना से लौट रहे थे परीक्षार्थी
बस में सवार अधिकांश यात्री परीक्षार्थी थे। पटना में आयोजित सीएचओ (कम्युनिटी हेल्थ आफिसर) की परीक्षा देकर लौट रहे थे। बस वाराणसी जाने वाली थी इसलिए सवार हो गए थे कि वाराणसी पहुंचने के बाद दूसरे सवारी वाहन अथवा ट्रेन पकड़कर घर के लिए रवाना हो जाएंगे लेकिन बीच रास्ते हादसे के शिकार हो गए।
पुलिस की लापरवाही हुई उजागर
घटना में घायल गंभीर मरीजों के जीवन के लिए एक-एक मिनट का वक्त कीमती होता है लेकिन पुलिस अपनी चाल चलती रही। जिला अस्पताल के चिकित्सकों के कई बार फोन करने पर करीब एक घंटे बाद पुलिसकर्मी अस्पताल पहुंचे। इससे गंभीर मरीजों को ट्रामा सेंटर रेफर करने में विलंब हुआ। पुलिसकर्मी जब अस्पताल पहुंचे तो चिकित्सक विफर पड़े। पुलिसकर्मियों व चिकित्सकों के बीच कहासुनी की नौबत आ गई। हालांकि, लोगों ने किसी तरह समझा-बुझाकर शांत कराया। इसके बाद मरीजों को रेफर किया जा सका।