काशी के विकास को लेकर मंत्री से मिले बिल्डर, मुख्यमंत्री के नाम पत्रक सौंपक समस्याओं से कराया अवगत

पूर्वांचल रियल एस्टेट एसोसिएशन ने राज्यमंत्री रवींद्र जायसवाल से पिछले दिनों मुलाकात कर वाराणसी के विकास को लेकर चर्चा की। उनसे विकास में आ रही बाधाओं को दूर करने के अनुरोध के साथ पत्रक सौंपा। इसके माध्यम से मुख्यमंत्री को भी सभी समस्याओं से अवगत कराया।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 07:42 PM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 07:42 PM (IST)
काशी के विकास को लेकर मंत्री से मिले बिल्डर, मुख्यमंत्री के नाम पत्रक सौंपक समस्याओं से कराया अवगत
राज्यमंत्री रवींद्र जायसवाल से पिछले दिनों मुलाकात कर वाराणसी के विकास को लेकर चर्चा की।

वाराणसी, जेएनएन। पूर्वांचल रियल एस्टेट एसोसिएशन ने राज्यमंत्री रवींद्र जायसवाल से पिछले दिनों मुलाकात कर वाराणसी के विकास को लेकर चर्चा की। उनसे विकास में आ रही बाधाओं को दूर करने के अनुरोध के साथ पत्रक सौंपा। इसके माध्यम से मुख्यमंत्री को भी सभी समस्याओं से अवगत कराया। अनुरोध किया कि आयुक्त, जिला मजिस्ट्रेट, वीडीए उपाध्यक्ष, नगर आयुक्त और नगर नियोजन कार्यालय के साथ एक शीघ्र बैठक आयोजित की जाए। ताकि विकास योजनाओं पर विस्तार से चर्चा हो सके। इस मौके पर संरक्षक ओम प्रकाश गुप्ता, गोविंद केजरीवाल, चेयरमैन अनुज डिडवानिया, अध्यक्ष आरसी जैन, उपाध्यक्ष संजीव शाह, संजीव अग्रवाल, महासचिव आकाश दीप, कोषाध्यक्ष जीत सिन्हा, संयुक्त सचिव प्रशांत केजरीवाल आदि थे।

कहा कि काशी में जाम के कारण विकास में रोड़ा पैदा होता है। वर्तमान में सरकार द्वारा प्रायोजित अमृत योजना के तहत वाराणसी महा योजना 2031 के मानचित्र में त्रुटियों को दूर करने और भूमि उपयोग में आवश्यक परिवर्तन करने का कार्य जारी है। इस कार्य के तहत ग्राम एवं नगर नियोजक कार्यालय एवं वाराणसी विकास प्राधिकरण द्वारा जीआईएस सर्वेक्षण के आधार पर सजरा योजना को मानचित्र पर अंकित किया जा रहा है। आरोप लगाया कि हबीबपुरा, चेतगंज जैसे शहर के कई इलाकों में कई वार्डों के सजरा प्लान को चिह्नित नहीं किया जा रहा है। बाहरी क्षेत्र के विकास के लिए क्षेत्रीय योजना तैयार करने के बाद ही नियोजित विकास संभव है।

1973 से तीन बार तैयार किया जा चुका है मास्टर प्लान

वर्ष 1973 में वाराणसी विकास प्राधिकरण के गठन के बाद से अब तक तीन मास्टर प्लान तैयार किए जा चुके हैं। लेकिन अब तक पूरे शहर के नियोजित विकास के लिए अति आवश्यक जोनल प्लान तैयार करने का काम नहीं हो पाया है। इससे शहर के चारों ओर अनियंत्रित व अनाधिकृत निर्माण से शहरवासियों को बरसात के मौसम में तंग गलियों में जाम और जलजमाव की समस्या का सामना करना पड़ रहा है।

लिंक रोड क्षेत्र में विकास जरूरी

-फिलहाल बाबतपुर एयरपोर्ट से शहर तक पहुंचने के लिए आउटर रिंग रोड और फोर लेन का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। नियोजित विकास के लिए जोनल प्लान मैप तैयार करने के बाद लिंक रोड और अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर सुविधाओं को मंजूरी मिलने के बाद विकसित करना बेहद जरूरी है।

गुणवत्ता वाले कंक्रीट से बने नाले

-आज भी गलियों में पत्थर के खंभों से सड़क निर्माण व ईंट की नालियां बनाई जा रही हैं, जिसका जीवन बहुत छोटा होता है। बेहतर होगा कि गुणवत्ता वाले कंक्रीट के नालों और फर्श की टाइलों का उपयोग किया जाए।

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