श्रीलंका से आए बौद्ध भिक्षुओं ने वाराणसी के सारनाथ में विश्व शांति के लिए की पूजा

कुशीनगर से 100 श्रीलंकाई बौद्ध भिक्षुओं का दल बुधवार की शाम को भगवान बुद्ध की तपोभूमि वाराणसी के सारनाथ स्थित मूलगंध कुटी बौद्ध मंदिर पहुचे जहा पर श्रीलंकाई परम्परानुसार श्रीलंकाई वाद्य यंत्र की धुन के साथ स्वागत किया गया।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 08:33 PM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 09:30 PM (IST)
श्रीलंका से आए बौद्ध भिक्षुओं ने वाराणसी के सारनाथ में विश्व शांति के लिए की पूजा
श्रीलंका से आए बौद्ध भिक्षुओं ने वाराणसी के सारनाथ में विश्व शांति के लिए की पूजा

जागरण संवाददाता, वाराणसी। कुशीनगर से 100 श्रीलंकाई बौद्ध भिक्षुओं का दल बुधवार की शाम को भगवान बुद्ध की तपोभूमि सारनाथ स्थित मूलगंध कुटी बौद्ध मंदिर पहुंचे जहां पर श्रीलंकाई परम्परानुसार श्रीलंकाई वाद्य यंत्र की धुन के साथ स्वागत किया गया। उक्त दल ने विश्व शांति के लिए भगवान बुद्ध की पूजा कर पुरातात्विक खंडहर परिसर में लाइट एंड साउंड शो को देख कर अभिभूत हुए।

श्रीलंका के बौद्ध भिक्षु उपलि के नेतृत्व में 100 बौद्ध भिक्षुओं का दल कुशीनगर से शाम 5: 50 बजे सारनाथ स्थित मूलगंध कुटी बौद्ध मन्दिर पहुंचा जहां मुख्य गेट पर महाबोधि सोसाइटी ऑफ इंडिया के सयुक्त सचिव भिक्षु सुमित्ता नंद व धम्म शिक्षण केंद्र के प्रभारी भिक्षु चंदिमा ने श्रीलंका परंपरानुसार श्रीलंकाई वाद्य यंत्र की धुन पर छत्र लगा कर बुद्ध मन्दिर ले गए। जहां पर सोसाइटी जे महासचिव भिक्षु पी शिवली थेरो ने सभी बौद्ध भिक्षुओं को खाता अर्पित कर स्वागत किये। दल के साथ आये श्रीलंका सरकार में धम्म स्कूल भिक्षु शिक्षा राज्य मंत्री विजित वेरुवट व आर्युवेद राज्य मंत्री शिशिर जयखोड़ी का भी खाता देकर स्वागत किये।

सभी बौद्ध भिक्षु मन्दिर में भगवान बुद्ध की प्रतिमा के समक्ष भिक्षु पी शिवली थेरो ने दीप, धूप जलवाकर विश्व शांति के लिए पूजा की गई। इसके बाद बुद्ध वचन का सूत्र पाठ हुआ। श्रीलंकाई बौद्ध भिक्षु बोधि वृक्ष के नीचे दीप जलाकर परिक्रमा की। शाम 6:40 बजे मन्दिर से सीधे पुरातात्विक खंडहर परिसर पहुंचे जहां सहायक अधीक्षण पुरातत्व विद मोहम्‍मद आरिफ व रजनीश कुमार सिंह ने पुष्प देकर स्वागत किया। बौद्ध भिक्षु धमेख स्तूप के समक्ष बैठ कर भगवान बुद्ध के जीवन वृत पर आधारित लाइट एंड साउंड शो को देख कर अभिभूत हो गए। रात 7 20 बजे उक्त दल जम्बूद्वीप श्रीलंका बुद्ध विहार पहुचे वहां प्रभरिवके सिरी सुमेध थेरो ने स्वागत कर खीर का लुफ्त उठाया। इसके बाद उक्त दल 7: 50 बजे ताज होटल के लिए रवाना हो गया।

श्रीलंकाई दल की सुरक्षा के मद्देनजर खाली कराए गए पार्क व पुरातात्विक खंडहर परिसर

कुशीनगर से बुधवार को श्रीलंका से 100 श्रीलंकाई बौद्ध भिक्षुओं का दल भगवान बुद्ध की प्रथम उपदेश स्थली आने के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए पुरातात्विक खंडहर परिसर, पक्षी विहार केंद्र  व मूलगंध कुटी बौद्ध पार्क में दोपहर 1 :10 बजे से पर्यटको का प्रवेश बन्द कर दिया गया। साथ ही सारनाथ मुख्य चौराहे से पुरातात्विक सग्रहालय तक भी आम जन के लिए आवागमन बन्द कर दिया गया। जबकि श्रीलंकाई दल को शाम 4 बजे के बाद आना था। इतने पहले से पर्यटको से खाली कराने व सड़क पर आवागमन बन्द करने से क्षेत्रीय लोगो को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। वहीं स्कूल से छूटे छात्रों को 100 मीटर की दूरी को 2 किलोमीटर की दूरी तय कर घर जाना पड़ा। यही नहीं मूलगंध कुटी बौद्ध मंदिर से सग्रहालय तक सभी दुकानें बंद होने से पर्यटको को पानी के लिए परेशान होना पड़ा।

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