बसपा पीएम के संसदीय क्षेत्र में प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन से करने जा रही सियासी रण का श्रीगणेश

चारों ओर से दलों को घेरने और सीटें निकालने के लिए मोर्चाबंदी की जाने लगी है। अभी दो दिन पहले भाजपा के रणनीतिकार माने जाने वाले पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मीरजापुर में एक तरफ से चुनाव अभियान का श्रीगणेश कर चुके हैं।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 11:41 AM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 11:41 AM (IST)
बसपा पीएम के संसदीय क्षेत्र में प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन से करने जा रही सियासी रण का श्रीगणेश
चारों ओर से दलों को घेरने और सीटें निकालने के लिए मोर्चाबंदी की जाने लगी है।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। विधानसभा चुनाव 2020 को लेकर राष्‍ट्रीय पार्टियों से लेकर क्षेत्रीय दलों ने तीर -तरकश सजाने शुरू कर दिए हैं। चारों ओर से दलों को घेरने और सीटें निकालने के लिए मोर्चाबंदी की जाने लगी है। अभी दो दिन पहले भाजपा के रणनीतिकार माने जाने वाले पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मीरजापुर में एक तरफ से चुनाव अभियान का श्रीगणेश कर चुके हैं।

अमित शाह ने जनसभा मंच से सपा-बसपा से पिछले 15 वर्षों का हिसाब मांगा था तो 2022 में जनता से समर्थन। अब बहुजन समाज पार्टी पीएम के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में प्रबुद्ध सम्मेलन के जरिए चुनावी संवाद का आगाज करने जा रही है इसके लिए बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा 17 अगस्त को वाराणसी में होंगे। वे कचहरी के समीप स्थित एक वाटिका में प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन को संबोधित करेंगे।

दरअसल वाराणसी में प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन के जरिए ब्राह्मण समाज को एकजुट करने का प्रयास माना जा रहा है। वास्तव में हाल के दिनों में इस समाज को अपने पाले में करने को लेकर सपा व बसपा दोनों ने ही सक्रियता बढ़ाई है। बसपा पूर्व में इस तरह के प्रयोग को सफलता के साथ आजमा भी चुकी है। हालांकि, सपा ने भी ब्राह्मण नेताओं को लेकर प्रदेश स्तरीय समिति का गठन तो जरूर किया है, लेकिन अभी उसकी सक्रियता नहीं दिख सकी है। इस बीच बसपा ने इस तरह कज आयोजन से बढत बनाने का प्रयास करती दिख रही है।

पूर्वांचल पर जोर : बसपा के प्रदेश अध्‍यक्ष भीम राजभर ने बीते सप्‍ताह पूर्वांचल के कई जिलों का दौरा करके पार्टी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के साथ बैठक कर संगठन स्‍तर पर मजबूती और बूथ जीतने पर जोर का मंत्र देने के साथ ही विधान सभा चुनाव 2022 को जीतने का भी हौसला दिया था। माना जा रहा है कि इसके साथ ही उन्‍होंने जताऊ प्रत्‍याशियों पर भी पदाधिकारियों से बात कर चुनावी रणनीति तय करने की रूपरेखा भी खींची है। इसके बाद इससे बसपा सुप्रीमो और शीर्ष संगठन के स्‍तर को भी अवगत करा दिया गया है। इसके बाद शीर्ष स्‍तर से लिए गए फैसलों को जमीन पर उतारने की तैयारी के क्रम में यह आयोजन होने जा रहा है। 

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