गाजीपुर में बीएसए ने परिषदीय विद्यालयों के सात अध्यापकों का रोका वेतन, थमाई नोटिस

कंपोजिट ग्रांट का सदुपयोग न करना आनलाइन कक्षा न चलाना व मिशन कायाकल्प के अनुरूप काम करना प्राथमिक विद्यालय हरिहरपुर के शिक्षकों को महंगा पड़ा। अचानक निरीक्षण करने पहुंचे बीएसए ने यहां तैनात प्रधानाध्यापक सहित सातों अध्यापकों का वेतन रोक दिया।

By saurabh chakravartiEdited By: Publish:Sat, 28 Nov 2020 07:50 AM (IST) Updated:Sat, 28 Nov 2020 07:50 AM (IST)
गाजीपुर में बीएसए ने परिषदीय विद्यालयों के सात अध्यापकों का रोका वेतन, थमाई नोटिस
गाजीपुर में बीएसए ने परिषदीय विद्यालयों के सात अध्यापकों का रोका वेतन

गाजीपुर, जेएनएन। कंपोजिट ग्रांट का सदुपयोग न करना, आनलाइन कक्षा न चलाना व मिशन कायाकल्प के अनुरूप काम करना प्राथमिक विद्यालय हरिहरपुर के शिक्षकों को महंगा पड़ा। अचानक निरीक्षण करने पहुंचे बीएसए ने यहां तैनात प्रधानाध्यापक सहित सातों अध्यापकों का वेतन रोक दिया। इसके साथ उन्हें नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण भी मांगा गया। बीएसए ने शुक्रवार को दर्जन भर परिषदीय विद्यालयों का जायजा लिया।

बीएसए ने इस दौरान दर्जन भर विद्यालयों का निरीक्षण किया। इस दौरान मनिहारी ब्लाक स्थित प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय हरिहरपुर की हालत काफी खस्ताहाल मिली। मिशन कायाकल्प के अनुरूप यहां काम नहीं कराया गया था और न ही कंपोजिट ग्रांट का सदुपयोग किया गया था। विद्यालय में मल्टीपरपज हैँडवाश सिस्टम व शौचालय आदि की व्यवस्था भी दुरुस्त नहीं मिली। इस पर बीएसए ने सख्त नाराजगी व्यक्त की और अविलंब काम पूरा कराने का निर्देश दिया। इसके अलावा उन्होंने प्राथमिक विद्यालय जलालपुर मनिहारी, प्राथमिक विद्यालय ब्राह्मणपुरा करंडा, प्राथमिक विद्यालय अन्नापुरा करंडा, प्राथमिक विद्यालय करंडा प्रथम व द्वितीय, प्राथमिक विद्यालय मैनपुर प्रथम व द्वितीय का भी जायजा लिया। यहां की स्थिति संतोषजनक मिली। कंपोजिट विद्यालय नगवां कटैला में सबकुछ सही मिला।

चौपाल लगाकर कक्षाएं चलायी जाएं

निरीक्षण के दौरान प्रधानाध्यपकों व शिक्षकों को निर्देश दिया गया है कि सभी विद्यालय मिशन कायाकल्प के अनुसार अपने यहां व्यवस्था दुरुस्त करे लें। कंपोजिट ग्रांट का उपयोग कर विद्यालय में जो भी कमियां हों, उसे दूर करेंं। आनलाइन कक्षा चलाना अनिवार्य है। जिस बच्चे के पास स्मार्टफोन नहीं है, उसके अभिभावक को बुलाकर सात दिन का होमवर्क दिया जाए। साथ में चौपाल लगाकर कक्षाएं चलायी जाएं। ध्यानाकर्षण आधारशिला पढ़कर शिक्षक बच्चों को पढ़ाएं।

- श्रवण कुमार, बीएसए।

chat bot
आपका साथी