बीएसए को जानकारी नहीं, जूनियर हाईस्कूल के हेड मास्टर को बना दिया प्रोटोकाल अधिकारी

पंचायत चुनाव में चुनाव कार्यालय की तरफ से वाकायदा उसे एक गाडी मुहैया कराई गई है। यदि वह एडीएम प्रोटोकॉल काल के यहां अटैच है तो फिर प्रतिदिन स्कूल पर आकर हेडमास्टर का कार्य कैसे कर रहा है और अपना हस्ताक्षर बना रहा है।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sat, 10 Apr 2021 05:00 PM (IST) Updated:Sat, 10 Apr 2021 05:00 PM (IST)
बीएसए को जानकारी नहीं, जूनियर हाईस्कूल के हेड मास्टर को बना दिया प्रोटोकाल अधिकारी
पंचायत चुनाव में चुनाव कार्यालय की तरफ से वाकायदा उसे एक गाडी मुहैया कराई गई है।

वाराणसी, जेएनएन। बेसिक शिक्षा विभाग में फैसले और दायित्‍व कब क्‍या हो जाएं कोई भरोसा नहीं लेकिन किसी हेड मास्‍टर को अधिकारी बना दिया जाए तो चौंकना स्‍वाभाविक है। एक ऐसा ही मामला वाराणसी में सामने आया है। जिसमें एक जूनियर हाईस्कूल का हेडमास्टर अपने आपको प्रोटोकॉल अधिकारी बनकर चुनाव कार्यालय से वाकायदा चार पहिया गाड़ी लेकर शिक्षकों के बीच मेंं चर्चा का विषय बना हुआ है।

सबसे मजेदार बात यह है की सबकुछ जानने के बाद भी बेसिक शिक्षाधिकारी उक्त मास्टर के खिलाफ कोई भी कार्यवाही करने में कतरा क्यो रहे है। काशीविद्यापीठ विकास खंड के लोहता जूनियर हाईस्कूल के हेडमास्टर राजेन्द्र प्रसाद शर्मा अपने आपको जिला समन्वयक बताते हुए एडीएम प्रोटोकॉल के यहां अपनी ड्यूटी लगावाकर जिले का प्रोटोकॉल अधिकारी बन बैठे हैं।

पंचायत चुनाव में चुनाव कार्यालय की तरफ से वाकायदा उसे एक गाडी मुहैया कराई गई है। यदि वह एडीएम प्रोटोकॉल काल के यहां अटैच है तो फिर प्रतिदिन स्कूल पर आकर हेडमास्टर का कार्य कैसे कर रहा है और अपना हस्ताक्षर बना रहा है। पूर्व में भी इसके खिलाफ इस तरह के मामले प्रकाश में आ चुके है। जब इस बारे बेसिक शिक्षाधिकारी राकेश सिंह से पुछा गया तो उन्होंने बताया कि वह कभी भी जिला समन्वयक रहा ही नहीं है।लोहता जूनियर हाईस्कूल का हेडमास्टर है उसे किस तरह से किसके आदेश पर गाड़ी दी गई है, यह मैं नहीं बता सकता हूं।

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