तत्काल प्लस से रेलवे की व्यवस्था में दलालों की सेंध, वाराणसी में आरपीएफ ने एक को किया गिरफ्तार

तत्काल टिकट की अवधि में रेलवे की व्यवस्था को सेंध लगाने वाले गिरोह का आरपीएफ की टीम ने गुरुवार को पर्दाफाश कर दिया। पिंडरा में छापेमारी कर एक दुकान से तत्काल टिकट बनाने वाला सॉफ्टवेयर बरामद किया। कार्रवाई के दौरान मौके से 2667 रुपये के दो कंफर्म टिकट मिला हैं।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Thu, 24 Sep 2020 07:49 PM (IST) Updated:Thu, 24 Sep 2020 08:08 PM (IST)
तत्काल प्लस से रेलवे की व्यवस्था में दलालों की सेंध, वाराणसी में आरपीएफ ने एक को किया गिरफ्तार
रेलवे की व्यवस्था को सेंध लगाने वाले गिरोह का वाराणसी आरपीएफ की टीम ने गुरुवार को पर्दाफाश किया है।

वाराणसी, जेएनएन। तत्काल टिकट की अवधि में रेलवे की व्यवस्था को सेंध लगाने वाले गिरोह का आरपीएफ की टीम ने गुरुवार को पर्दाफाश कर दिया। पिंडरा में छापेमारी कर एक दुकान से तत्काल टिकट बनाने वाला सॉफ्टवेयर बरामद किया। इस  कार्रवाई के दौरान मौके से 2667 रुपये के दो कंफर्म टिकट मिला हैं। संचालक की गिरफ्तारी के बाद रेलवे एक्ट की धाराओं में उसका चालान कर दिया गया। अग्रिम कार्यवाही जारी है।

इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के आधार पर आरपीएफ की टीम पिंडरा स्थित दुकानदार की निगरानी काफी दिनों से कर रही थी। सटीक जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंचे एसआई नीलेश और उनकी टीम ने राजेश कुमार चौहान नामक दुकानदार को पकड़ लिया। दुकान के अंदर कंप्यूटर खंगाला गया। जिसमें तत्काल प्लस नामक सॉफ्टवेयर मिला। सन्देह की पुष्टि होते ही उसे गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के आधार पर मौके से दो आरक्षित रेलवे टिकट मिले, जबकि दो पर्सनल आइडी पर बने टिकट का ब्यौरा भी मिला। आरपीएफ इंस्पेक्टर अनूप कुमार सिन्हा ने बताया कि ई- टिकट बनाने में सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जा रहा था। पर्सनल आईडी से भी टिकट बनाए गए। रेलवे एक्ट की विभिन्न धाराओं में चालान कर अग्रिम कार्रवाई की जा रही है।

पूर्वांचल बना टिकट हैकरों का गढ़

सिंधौरा, आजमगढ़, शाहगंज व जौनपुर सहित पूर्वांचल के कुछ जिलों में सॉफ्टवेयर से ई- टिकट बनाने का खेल तेजी से फलफूल रहा है। पिछले दिनों पूर्वोत्तर रेलवे आरपीएफ की टीम ने आजमगढ़ और सिंधौरा में छापेमारी कर ऐसे ही गिरोह का पर्दाफाश किया था। मौके से रेड चिली नाम का सॉफ्टवेयर भी बरामद हुआ था। विशेषज्ञों की माने तो सुबह तत्काल टिकट की बुकिंग शुरू होते ही इन सॉफ्टवेयर की बदौलत रेलवे का सिस्टम हैक कर लिया जाता है। और ज्यादा से ज्यादा कंफर्म ई- टिकट आसानी से बुक कर लिए जाते हैं। सूत्रों के अनुसार सॉफ्टवेयर बनाने और एजेंट को बिक्री करने वालो का बड़ा नेटवर्क काम कर रहा है।

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