अभिभावकों के जेब पर डाका डाल रहे हैं पुस्तक विक्रेता, तीन गुना अधिक दाम पर पुराने सत्र की किताब

वैश्विक महामारी में सरकार जहां छात्रों और उनके अभिभावकों को राहत देने की योजना बना रही है तो वहीं पुस्तक विक्रेता अभिभावकों के जेब पर डाका डाल रहे हैं। आलम यह है कि तीन गुना अधिक दाम पर पुरने सत्र की किताब को बेच रहे हैं।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sun, 11 Apr 2021 07:10 AM (IST) Updated:Sun, 11 Apr 2021 07:10 AM (IST)
अभिभावकों के जेब पर डाका डाल रहे हैं पुस्तक विक्रेता, तीन गुना अधिक दाम पर पुराने सत्र की किताब
पुस्तक विक्रेता अभिभावकों के जेब पर डाका डाल रहे हैं।

भदोही, जेएनएन। वैश्विक महामारी में सरकार जहां छात्रों और उनके अभिभावकों को राहत देने की योजना बना रही है तो वहीं पुस्तक विक्रेता अभिभावकों के जेब पर डाका डाल रहे हैं। आलम यह है कि तीन गुना अधिक दाम पर पुरने सत्र की किताब को बेच रहे हैं। नोएडा के एक पब्लिकेशन के अधिकृत कर्मी ने जिला विद्यालय निरीक्षक से शिकायत कर कार्रवाई की मांग की है।

शैक्षिक सत्र 2020-21 में कक्षा नौ से 12 वीं तक 28 विषयों के अंतर्गत आने वाली 55 एनसीईआरटी पाठ्य पुस्तकों के मुद्रण की जिम्मेदारी चार मुद्रकों  को सौंपी है। इनमे एक मुद्रक मेसर्स काका संस प्राइवेट लिमिटेड नोएडा ने शिकायत की है। आरोप लगाया है कि भदोही जिले में ज्ञानपुर, गोपीगंज सहित अन्य क्षेत्रों में खुले पुस्तक की दुकानों पर वर्ष 2018-19 की मुद्रित पाठ्य पुस्तकें बेची जा रही हैं जबकि वर्तमान में पाठ्य पुस्तकों के मुद्रण का अधिकार सिर्फ चार को ही है। वर्ष 2019-20 में मुद्रित पाठ्य पुस्तकों का मूल्य भी वर्ष 2018-19 की मुद्रित पाठ्य पुस्तकों से कम है। 

इसके बाद भी दुकानदार मनमानी तरीके से महंगे दामों में बेच रहे हैं।  जिला विद्यालय निरीक्षक अशोक चौरसिया ने बताया है कि जिले में माध्यमिक शिक्षा परिषद ने जिन मुद्रकों को अधिकार दिया है, उन्हीं मुद्रकों के एनसीईआरटी की पुस्तकों की बिक्री छात्रों को की जाए। जांच में दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी। 

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