चंदौली पुलिस जिस चालक को बता रही था फरार, उसका शव मिला पलटी बस के नीचे
शहाबगंज थाना के साड़ी मुरकौल गांव के पास बुधवार की रात नौ बजे नहर में पलटी बस के नीचे दबकर चालक छोटू (28) की मौत हो गई। पुलिस चालक को रात्रि में फरार बता रही थी। गुरुवार की सुबह बस को क्रेन से बाहर खींचा गया तो शव बरामद हुआ।
जागरण संवाददाता, चंदौली। शहाबगंज थाना के साड़ी मुरकौल गांव के पास बुधवार की रात नौ बजे नहर में पलटी बस के नीचे दबकर चालक छोटू (28) की मौत हो गई। पुलिस चालक को रात्रि में फरार बता रही थी। गुरुवार की सुबह बस को क्रेन से बाहर खींचा गया तो शव बरामद हुआ। आस-पास के ग्रामीणों ने चालक को पहचान लिया। मृतक कस्बा का निवासी था। हादसे से स्वजन में कोहराम मच गया।
कस्बा निवासी स्व. गरीबन के छह पुत्रों में छोटू सबसे छोटा था। वह यात्री वाहन चलाकर जीविकोपार्जन करता था। बुधवार की शाम छह बजे लखनऊ जाने के लिए बिहार (कैमूर) के भभुआ बाजार से जनवादी पार्टी के लगभग 20 कार्यकर्ताओं को लेकर लखनऊ को रवाना हुआ था। उक्त गांव के पास मोड़ होने की वजह से चालक घबरा गया और स्टेयरिंग से उसका नियंत्रण छूट गया। बस विद्युत खंभे को टक्कर मारत लेफ्ट कर्मनाशा नहर में पलट गई। हादसे में सहायक परिचालक (खलासी) व कुछ कार्यकर्ताओं मामूली चोटें आईं थीं। उन्हें स्थानीय पीएचसी में उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई थी। चालक के फरार होने की बात कर पुलिस व ग्रामीण वहां से चले गए। छोटू बस के नीचे पूरी रात दबा रह गया। गुरुवार की सुबह क्रेन से बस को हटाते वक्त चालक का शव देख लोग हतप्रभ रह गए। जानकारी होते ही स्वजन भी पहुंच गए। पूरे गांव में मातम छा गया।
रात्रि में प्रयास होता तो बच सकती थी जान
पुलिस जिस चालक को फरार बता रही थी यदि रात्रि में ही क्रेन मंगाकर पुलिस पलटी बस को नहर से बाहर निकलवाती तो छाेटू की जान बच सकती थी। बस पलटने के दौरान वह घायलावस्था में रहा होगा लेकिन रात भर बस के नीचे दबे रहने से उसकी मौत हो गई। लोग पुलिस को कोस रहे। आरोप लगा रहे पुलिस की लापरवाही से छोटू की जान चली गई।
परिवार का कमाऊ सदस्य था छोटू
चालक छोटू के सभी भाई अलग-अलग रहते हैं। वह अपनी बूढ़ी मां, पत्नी व बच्चों के साथ रहता था। वह स्वभाव से सरल और मिलनसार था। हादसे के बाद मां गुलाबी बिलख पड़ीं। पत्नी सलवरी बेगम रोते-बिलखते बेसुध हो गई थी। मृतक को पुत्र शबाब व तीन पुत्री मुस्कान, जन्नत व जरा हैं। ग्रामीणों के मन में बस यही सवाल कौंध रहा था कि इनकी परवरिश किस तरह होगी।
डेंजर जोन बना मुरकौल मोड़
मुरकौल मोड़ डेंजर जोन बन गया है। यहां आए दिन हादसे हो रहे हैं। इसके बाद भी प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है। ढाई साल पूर्व यहीं बोलेरो पलटने से चालक की मौत हो गई थी। एक माह पूर्व सवारियों से भरा आटो पलट गया था। इसमें आधा दर्जन लोग घायल हो गए थे। बीते वर्ष ट्रक हादसे में चालक व खलासी गंभीर रूप से घायल हो गए थे।