बलिया में गंगा में कूदे युवक का 24 घंटे बाद मिला शव, चार महीने से कर रहा था सेना भर्ती की तैयारी
गंगा में कूदे युवक का 24 घंटे बाद शव बरामद हो गया। एनडीआरएफ की टीमें उसकी तलाश में जुटी थीं। गोताखोरों की मदद से शनिवार की सुबह 20 वर्षीय अभिमन्यु सिंह पुत्र विजेंद्र सिंह निवासी भरसौता हल्दी का शव मिलने पर स्वजनों में कोहराम मच गया।
बलिया, जागरण संवाददाता। जनेश्वर मिश्रा सेतु से शुक्रवार की सुबह गंगा में कूदे युवक का 24 घंटे बाद शव बरामद हुआ। एनडीआरएफ की टीमें उसकी तलाश में जुटी थीं। गोताखोरों की मदद से शनिवार की सुबह 20 वर्षीय अभिमन्यु सिंह पुत्र विजेंद्र सिंह निवासी भरसौता, हल्दी का शव मिलने पर स्वजनों में कोहराम मच गया। उसकी तलाश में एनडीआरएफ की दो टीमें शुक्रवार देर शाम तक प्रयास करती रहीं लेकिन सफलता नहीं मिली। शनिवार की सुबह फिर से प्रयास शुरू किया गया तो कुछ देर में ही उसका शव बरामद कर लिया गया।
शुक्रवार की सुबह अभिमन्यु रोज की भांति बागीचे में दौड़ लगाकर घर पहुंचा। बाबा रामदेव सिंह से बलिया जाने की बात कहकर निकल गया। शनिवार को उसकी कोस्टगार्ड की परीक्षा थाी। इसके लिए उसे छपरा जाना था। सुबह दस बजे के करीब वह सेतु पर पहुंचा। मोबाइल, मोटरसाइकिल, चप्पल व कुछ किताबें छोड़कर वह नदी में कूद गया। तभी उधर से गुजर रहे लोगों ने उसे कूदते हुए देखा तो शोर मचाने लगे। थोड़ी देर में मौके पर भीड़ जुट गई। एनडीआरएफ के जवानों ने नदी में खोजबीन शुरू की। युवक के मोबाइल की पर किसी का फोन आने पर सुरक्षा प्रहरी ने रिसीव किया। इसके बाद उसकी शिनाख्त हुई।
दुबहड़ थानाध्यक्ष अनिल चंद्र तिवारी दल बल के साथ घटनास्थल पर पहुंच गए। अभिमन्यु सिंह बंगाल में पढ़ाई करता था। चार माह पूर्व बलिया आकर सेना भर्ती की तैयारी में करने लगा था। उसके माता-पिता और एक बड़ी बहन दुर्गापुर बंगाल में रहते हैं। पिता विजेंद्र सिंह ट्रांसपोर्ट का काम करते हैं। घटना का कारण अब तक ज्ञात नहीं हो सका है। परिवार के सदस्य बलिया के लिए चल चुके हैं। घर पर बाबा बेसुध से हो गए हैं। परिजनों के अनुसार उसने क्यों आत्मघाती कदम उठाया इसकी कोई जानकारी नहीं हो सकी। वहीं पुलिस वजहों की पड़ताल में जुटी हुई है।