गंगा में उफान से नौका संचालन बंद, घाटों का संपर्क टूटने के बाद गलियों में सजने लगीं चिताएं

पहाड़ों और मैदानी क्षेत्रों में रह रहकर हो रही झमाझम बरसात के बाद से नदियों का जलस्‍तर भी बढ़ गया है। दो दिनों से गंगा नदी में बाढ़ आने और घाटों का आपसी संपर्क टूटने की वजह से नदियों में नौका का संचालन बंद होने की संभावनाएं बढ़ गई थीं।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 09:19 AM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 11:10 AM (IST)
गंगा में उफान से नौका संचालन बंद, घाटों का संपर्क टूटने के बाद गलियों में सजने लगीं चिताएं
गंगा में उफान आने के बाद जल पुलिस ने नौका संचालन अगले आदेश तक के लिए बंद कर दिया है।

वाराणसी, इंटरनेट डेस्‍क। कई दिनों से पहाड़ों और मैदानी क्षेत्रों में रह रहकर हो रही झमाझम बरसात के बाद से नदियों का जलस्‍तर भी अब बढ़ गया है। दो दिनों से गंगा नदी में बाढ़ आने और घाटों का आपसी संपर्क टूटने की वजह से नदियों में नौका का संचालन बंद होने की संभावनाएं बढ़ गई थीं। आखिरकार गंगा में उफान आने के बाद वाराणसी में जल पुलिस ने गंगा में नौका संचालन अगले आदेश तक के लिए बंद कर दिया है। जल पुलिस की ओर से बताया गया कि दो दिनों से गंगा का जलस्‍तर अकस्‍मात तेजी से बढ़ने लगा है, पानी का वेग तेज होने से हादसे की संभावनाओं से इन्‍कार नहीं किया जा सकता। ऐसे में बाढ़ को देखते हुए गंगा में नौका संचालन पर अग्रिम आदेश तक रोक लगाई गई है।

गंगा के वेग में इजाफा होने और नौका संचालन से रोक के बाद तट पर नौकाओं ने लंगर डाल दिए। नाविकों ने भी सुरक्षा के लिहाज से कुछ दिनों तक नौका का संचालन बंद करने का फैसला लिया है। माना जा रहा है कि कम से कम पखवारे भर तक गंगा का यह वेग बना रहेगा। इस बीच अगर बारिश और भी हुई तो गंगा के जलस्‍तर में और इजाफा होना तय है। दूसरी ओर बलिया- बिहार सीमा पर गंगा सरयू संगम स्‍थली पर सरयू का वेग भी गंगा की ही तरह होने से पलट प्रवाह की स्थिति कई बार बनी है। हालांकि, पहाड़ों पर बारिश और मैदानी इलाकों में भी बरसात के बाद से ही गंगा का जलस्‍तर लगातार बढ़ रहा है। इसकी वजह से वाराणसी में गंगा आरती स्‍थल में बदलाव के साथ ही चिताएं भी अब मणिकर्णिका और हरिश्‍चंद्र घाट पर गलियों और छतों पर सजने लगी हैं। 

जबकि गंगा में पर्यटकों का अब नौका विहार सावन के दूसरे सोमवार पर बंद रहने से सुबह नौका विहार और बाबा दरबार में हाजिरी के उद्देश्‍य से आए लोगों ने गंगा तट पर ही आचमन कर अपनी आस्‍था प्रकट की। दरअसल गंगा में चौबीस घंटों में दो मीटर तक जल का स्‍तर बढ़ने के बाद प्रशासन अलर्ट मोड में आ गया था। आनन फानन गंगा की लहरों और वेग से हादसे की संभावना को खत्‍म करने के लिए यह फैसला लिया गया। वहीं नौका संचालकों ने भी नौका संचालन को लेकर किए गए फैसले का स्‍वागत किया। कहा कि पर्यटकों की सुरक्षा और प्रशासन का फैसला पहले है। हालांकि, उम्‍मीद जताई कि जल्‍द ही गंगा में उफान कम होगा और नौकाएं गंगा में दोबारा उसी उत्‍साह से पर्यटकों को सैर कराएंगी। दूसरी ओर गंगा में उफान के बाद अब वरुणा में भी पलट प्रवाह के कारण जलस्‍तर बढ़ने की उम्‍मीद है। ऐसे में तटवर्ती इलाकों में लोग सुरक्षित स्‍थानों की तलाश में जुट गए हैं। 

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