जौनपुर में चार एफआरयू सेंटर पर खुलेगा ब्लड स्टोरेज यूनिट, लोगों को समय से मिलेगा ब्‍लड

प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा की होने वाली मौतों को लेकर सरकार गंभीर है। मातृृ-शिशु मृत्यु दर में कमी के लिए तमाम योजनाएं संचालित हैं। नियमित जांच मुफ्त दवाओं के साथ ही सुरक्षित प्रसव के लिए अस्पतालों को संसाधनों से युक्त किया जा रहा है।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sat, 25 Sep 2021 10:04 PM (IST) Updated:Sat, 25 Sep 2021 10:04 PM (IST)
जौनपुर में चार एफआरयू सेंटर पर खुलेगा ब्लड स्टोरेज यूनिट, लोगों को समय से मिलेगा ब्‍लड
प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा की होने वाली मौतों को लेकर सरकार गंभीर है।

जौनपुर, जागरण संवाददाता। अक्‍सर खून की कमी से होने वाली मौतों को रोकने के लिए जौनपुर जिले में ब्‍लड बैंक के लिए विशेष तैयारी की जा रही है। प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा की होने वाली मौतों को लेकर सरकार गंभीर है। मातृृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए तमाम योजनाएं संचालित हैं। नियमित जांच, मुफ्त दवाओं के साथ ही सुरक्षित प्रसव के लिए अस्पतालों को संसाधनों से सुसज्जित किया जा रहा है। जिला महिला अस्पताल सहित फर्स्ट रेफरल यूनिट (एफआरयू) सेंटरों पर ब्लड स्टोरेज यूनिट स्थापित की जा रही है। इसके लिए फ्रीजर सहित अन्य उपकरण अस्पतालों को भेज दिए गए हैं।

यूनिट स्थापित हो जाने बाद अब प्रसूताओं को रक्त की कमी होने पर तीमारदारों को भाग-दौड़ नहीं करनी होगी। जनपद में सुरक्षित प्रसव के लिए जिला महिला अस्पताल के अलावा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बदलापुर, केराकत, शाहगंज को फर्स्ट रेफरल यूनिट बनाया गया था। इन अस्पतालों में प्रसव के साथ ही सीजर की भी सुविधा है। ग्रामीण अंचलों से आने वाले गंभीर मरीजों के सीजर में सबसे बड़ी बाधा रक्त को लेकर आ रही है। खून की कमी होने या अत्यधिक रक्तस्राव होने पर तुरंत ब्लड की व्यवस्था न हो पाने पर प्रसूताओं की हालत गंभीर हो जाती है। स्वास्थ्य विभाग ने इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए सभी एफआरयू सेंटरों पर ब्लड स्टोरेज यूनिट स्थापित करने की आदेश दिया है। इन सेंटरों पर आवश्यक उपकरण भी आ गए हैं। मानक पूरा होने के बाद खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग से जिला महिला अस्पताल को लाइसेंस भी जारी कर दिया गया है।

बोले जिम्मेदार : एफआरयू सेंटरों के ब्लड स्टोरेज यूनिट के लाइसेंस के लिए औषधि निरीक्षक ने निरीक्षण किया है। जांच में कुछ कमियां थीं, जिसे पूरा कर लिया गया है। जल्द ही लाइसेंस निर्गत होने के बाद आवश्यकतानुसार ब्लड की उपलब्धता इन सेंटरों पर होगी। -डाक्टर लक्ष्मी सिंह, मुख्य चिकित्साधिकारी।

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