39 गोरखा रायफल के दो सौ साल पूरे होने पर सीडीएस बिपिन रावत पत्‍नी मधुलिका के साथ नवबंर 2017 में आए थे काशी

सीडीएस बिपिन रावत दस नवंबर 2017 को काशी आए थे। इस दौरान उनकी पत्नी मधुलिका रावत भी साथ रहीं। तत्‍कालीन सेना अध्यक्ष बिपिन रावत दो दिवसीय दौरे पर वाराणसी में आए थे। गोरखा रायफल की स्थापना के दो सौ साल पूरे होने पर आए थे।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Wed, 08 Dec 2021 06:56 PM (IST) Updated:Wed, 08 Dec 2021 06:56 PM (IST)
39 गोरखा रायफल के दो सौ साल पूरे होने पर सीडीएस बिपिन रावत पत्‍नी मधुलिका के साथ नवबंर 2017 में आए थे काशी
बिपिन रावत दो दिवसीय दौरे पर वाराणसी में आए थे।

वाराणसी, इंटरनेट डेस्‍क। सीडीएस बिपिन रावत दस नवंबर 2017 को काशी आए थे। इस दौरान उनकी पत्नी मधुलिका रावत भी साथ रहीं। तत्‍कालीन सेना अध्यक्ष बिपिन रावत दो दिवसीय दौरे पर वाराणसी में आए थे। 39 जीटीसी में गोरखा रायफल की स्थापना के दो सौ साल पूरे होने पर आयोजित स्थापना दिवस समारोह में शामिल होने आए थे। उन्‍होंने कहा था कि 39 गोरखा रायफल के दो सौ साल पूरे हुए हैं। रेजीमेंट के जवानों ने अपने अदम्य साहस से पिछले दो सौ साल में इतिहास रचा है। मुझे ऐसे समारोह में शामिल होने का सुअवसर मिला, इसके लिए मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूं। जनरल बिपिन रावत ने जीटीसी के वार मेमोरियल ग्राउंड पर शहीदों को सलामी दी और स्मृतिधाम में आगंतुक पुस्तिका पर हस्ताक्षर किए थे।

इस दौरे के दूसरे दिन जनरल बिपिन रावत काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन करने पहुंचे। उन्होंने रूद्र सूक्त विधि से बाबा विश्वनाथ का अभिषेक किया था। उन्होंने बाबा दरबार में वीर सैनिकों के साथ ही राष्ट्र की सलामती की कामना की उन्होनें कहा था कि अब काशी आये है तो बाबा विश्वनाथ का दर्शन किया है। दर्शन करने से हमें पुण्य मिलता है, सेना को पुण्य मिलता है। हमने बस बाबा से इतना मांगा है की बॉर्डर पर जो सैनिक तैनात है वो स्वस्थ रहें सुरक्षित रहें।' जब उनसे सेना के पास पर्याप्त मात्रा में और अत्याधुनिक हथियार होने के सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हमारे पास बहुत सक्षम हथियार है। यह गलतफहमी है कि हथियार कमजोर है। हम किसी भी हान से निपटने के लिए तैयार है।

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