भारत-नेपाल संबंधों को सुदृढ़ करने में भूमिका निभाएगा बीएचयू, विश्वविद्यालय पहुंचा नेपाली कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल

नेपाली कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल वहां के पूर्व विदेश मंत्री के नेतृत्व में काशी हिंदू विश्वविद्यालय पहुंचा। यहां सामाजिक विज्ञान संकाय के नेपाल अध्ययन केंद्र एवं दीनदयाल उपाध्याय अध्ययन पीठ के संयुक्त तत्वावधान में अंतरराष्ट्रीय गोष्ठी का आयोजन किया गया।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Mon, 11 Oct 2021 08:20 AM (IST) Updated:Mon, 11 Oct 2021 08:20 AM (IST)
भारत-नेपाल संबंधों को सुदृढ़ करने में भूमिका निभाएगा बीएचयू, विश्वविद्यालय पहुंचा नेपाली कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल
बीएचयू स्थित नेपाली अध्ययन केंद्र में नेपाली काग्रेंस के प्रतिनिधि मंढल के सदस्य को सम्मानित करते कुलपति प्रो. वीके शुक्ला।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। नेपाली कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल वहां के पूर्व विदेशमंत्री नेतृत्व में काशी हिंदू विश्वविद्यालय पहुंचा। यहां सामाजिक विज्ञान संकाय के नेपाल अध्ययन केंद्र एवं दीनदयाल उपाध्याय अध्ययन पीठ के संयुक्त तत्वावधान में अंतरराष्ट्रीय गोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें भारत और नेपाल के बीच शैक्षिक, आर्थिक, सामाजिक,सांस्कृतिक संबंधों को बेहतर बनाने पर बल दिया गया। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस संबंध में भरोसा दिलाया कि वह शैक्षणिक व अकादमिक क्रिया-कलापों के आदान-प्रदान के माध्यम से भारत-नेपाल के संबंधों को सुदृढ़ करने में अपनी भूमिका निभाएगा।

बतौर मुख्य अतिथि नेपाल के पूर्व विदेश मंत्री डा. प्रकाश शरण महंत ने नेपाल-भारत के बहुआयामी संबंधों पर प्रकाश डाला, जिसमें नेपाल के आयात-निर्यात, वानस्पतिक-आर्थिक, सामाजिक संबंधों पर जोर दिया। नेपाल की वर्तमान कांग्रेसी सरकार की महत्वपूर्ण भूमिका का भी जिक्र किया। नेपाली कांग्रेस के केंद्रीय कार्यसमिति के सदस्य तथा विदेशी मामलों के भूतपूर्व राज्य मंत्री अजय कुमार चौरसिया ने दोनों देशों के धार्मिक-सामाजिक संबंधों पर प्रकाश डाला। पूर्व वित्त मंत्री उदय शमशेर राणा ने वस्तुओं के मुक्त व्यापार क्षेत्र की चर्चा की। साथ ही भारत की भूमिका पर जोर डाला। कहा कि भारत की आगे की आर्थिक नीतियाें में नेपाली लोगों की भावना को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए।

इस दौरान काशी और नेपाल के सनातन संबंधों पर भी खुल कर चर्चा हुई। काशी हिंदू विश्वविद्यालय और नेपाल के संबंधों पर विचार व्यक्त किया गया। घोषणा की गई कि नेपाल और भारत के संबंधों को और सुदृढ़ करने पर बल दिया जाएगा। नेपाल अध्ययन केंद्र और पं. दीनदयाल पीठ को केंद्र मान कर नेपाली अध्यापकों और भारत के अकादमिक लोगों के विचारों का आदान प्रदान तेज किया जाएगा। विश्वविद्यालय नेपाली छात्रों को आकर्षित करने का प्रयास करेगा।

गोष्ठी में बीएचयू के कार्यवाहक कुलपति डा. वीके शुक्ल, संकाय प्रमुख प्रो. कौशल किशोर मिश्र, नेपाल अध्ययन केंद्र के संयोजक प्रो. मृत्युंजय मिश्र, प्रो. केशव मिश्र, प्रो. डीसी राय, प्रो. संजय श्रीवास्तव, प्रो. श्वेता प्रसाद, प्रो. निधि शर्मा, प्रो. सुरेंद्र प्रताप सिंह, डा. वैशाली रघुवंशी तथा अनेक विद्वान उपस्थित थे। संचालन अर्थशास्त्र विभाग के डा. मनीषा ए. मेहरोत्रा ने किया।

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