लाइसेंस मिलते ही बीएचयू में होगा आयुष क्वाथ का उत्पादन, कोविड-19 के लिए सुरक्षा कवच
आयुष मंत्रालय की ओर से व्याधि क्षमत्व बढ़ाने के लिए आयुष क्वाथ के नाम से एक नुस्खा जारी किया गया है।
वाराणसी, जेएनएन। कोरोनावायरस के संक्रमण को प्रतिरोधक क्षमता की मजबूत दीवार से रोका जा सकता है। इसके लिए आयुष मंत्रालय की ओर से व्याधि क्षमत्व बढ़ाने के लिए आयुष क्वाथ के नाम से एक नुस्खा जारी किया गया है, जिसे काढ़ा के रूप में घर-घर लोग इसका इस्तेमाल कर सकेंगे। बीएचयू स्थित रस एवं भैषज्य विभाग कल्पना विभाग और आयुर्वेदिक फार्मेसी के प्रमुख प्रो. आनंद चौधरी ने बताया कि यह काढ़ा कोविड-19 के खिलाफ एक तरह का सुरक्षा कवच है। दिन में दो बार इसका इस्तेमाल कोरोनावायरस के खतरे की संभावना को कम करेगा।
आयुष मंत्रालय ने इसे तैयार करने के लिए सभी आयुर्वेदिक औषधि निर्माता कंपनियों को एक एडवाइजरी जारी की है। इसके मुताबिक सभी कंपनियों को निर्देश दिया है कि राज्य सरकार से उत्पादन का लाइसेंस लेकर वह आयुष क्वाथ का व्यावसायिक निर्माण करे। इस तरह से बीएचयू की आयुर्वेदिक फार्मेसी में भी इसके निर्माण के लिए राज्य सरकार से लाइसेंस के लिए आवदेन दिया गया है।
ये है नुस्खा
आयुष क्वाथ बनाने के लिए चार भाग तुलसी पत्र, दालचीनी दो भाग, शुण्ठी दो भाग एवं काली मिर्च का एक भाग लेकर मिश्रिण बना लें। सभी द्रव्य मानक के अनुसार उन्नत किस्म के होने चाहिये। इन सभी द्रव्यों को सूखा स्वरुप लेकर पाउडर बना ले। इस पाउडर के तीन ग्राम की मात्रा को 150 मिली लीटर गर्म पानी में मिला कर चाय की तरह दिन में दो बार सेवन करे। इस पेय में स्वयं की इच्छानुसार यथोचित मात्रा में गुड़, द्राक्ष, नींबू और जूस भी मिला सकते हैं।
आयुष मंत्रालय के इन घरेलू उपायों से बढ़ाएं अपनी इम्युनिटी
आयुष मंत्रालय ने देश के कई प्रतिष्ठित वैद्यों से मिले सुझाव के आधार पर कुछ ऐसे कदम उठाने का कहा है, जिनसे इम्युनिटी मजबूत हो सकती है। आयुर्वेद की पुस्तकों और विज्ञान पत्रिकाओं में भी इनकी खूबियां सामने आ चुकी हैं। हालांकि मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि एडवाइजरी में बताई गई बातें कोविड-19 का इलाज नहीं हैं। लोग अपनी सहूलियत, उपलब्धता एवं अनुभव के आधार पर इनका प्रयोग कर सकते हैं। मंत्रालय के दिशानिर्देश में हमेशा गर्म पानी पीने और कम से कम 30 मिनट तक योगासन, प्राणायाम और ध्यान लगाने जैसे कदम शामिल हैं। मंत्रालय ने हर सुबह च्यवनप्राश खाने और हल्दी मिला दूध पीने की सलाह भी दी है। डायबिटीज के मरीजों को शुगर फ्री च्यवनप्राश लेने को कहा गया है। दिन में एक या दो बार तुलसी, दालचीनी, काली मिर्च, सूखी अदरक और मुनक्का का काढ़ा या ग्रीन टी पीने का सुझाव भी दिया गया है। स्वाद के लिए इसमें गुड़ या नींबू भी मिला सकते हैं। नाक में तिल या नारियल तेल या घी की कुछ बूंदे डालने को भी कहा गया है।