BHU : कोविड-आइसीयू में बदलेंगे शताब्दी सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक के तीन तल, 44 वेंटिलेटर संग शुरूआत

वाराणसी में तेजी से बढ़ते कोरोना मरीजों को देखते हुए सरकार ने कोविड-अस्पतालों में चिकित्सा सुविधाओं को बढ़ाना शुरू कर दिया है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Fri, 10 Jul 2020 10:16 PM (IST) Updated:Sat, 11 Jul 2020 02:24 AM (IST)
BHU : कोविड-आइसीयू में बदलेंगे शताब्दी सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक के तीन तल, 44 वेंटिलेटर संग शुरूआत
BHU : कोविड-आइसीयू में बदलेंगे शताब्दी सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक के तीन तल, 44 वेंटिलेटर संग शुरूआत

वाराणसी, जेएनएन। जिले में तेजी से बढ़ते कोरोना मरीजों को देखते हुए सरकार ने कोविड-अस्पतालों में चिकित्सा सुविधाओं को बढ़ाना शुरू कर दिया है। इस क्रम में लेवल-थ्री अस्पताल बीएचयू में वेंटिलेटर की संख्या बढ़ रही है। शताब्दी सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक (एसएसबी) में 44 वेंटिलेटर संग शुरुआत हुई, अब इसे बढ़ाकर 70 कर दिया गया है। जरूरत को देखते हुए एसएसबी के तीनों तल कोरोना आइसीयू में बदलने विचार किया जा रहा है।

सुविधाएं बढ़ाने के क्रम में केंद्र सरकार की ओर से दस वेंटिलेटर पहुंच भी चुके हैं। सोमवार को इसे शताब्दी सुपर स्पेशियलिटी ब्लाक में इंस्टाल किया जाएगा। 50 और वेंटिलेटर को मंजूरी दी गई है, जो जल्द ही बीएचयू पहुंच जाएंगे। बीएचयू अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक प्रो. एसके माथुर के मुताबिक 100 पोर्टेबल वेंटिलेटर की मांग भी की गई है। उपकरण आ जाने के बाद एसएसबी ब्लॉक की चौथी, पांचवीं, छठीं मंजिल कोविड-आइसीयू में बदल जाएगी। इसी के साथ बीएचयू में कोरोना के गंभीर मरीजों के इलाज की क्षमता तीन गुना बढ़ जाएगी। यहां बनारस व आसपास के जिलों के अतिगंभीर मरीजों का उपचार हो रहा है।

पहले यहां रखे जाते हैं गंभीर मरीज

प्रो. माथुर के मुताबिक एसएसबी ब्लॉक में 16 बेड वेंटिलेटर का सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इलनेस वार्ड चौथे तल पर बनाया गया है। गंभीर मरीजों को पहले यहां रख का सैंपल लिया जाता है। कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद मरीज को छठें तल पर कोरोना-आइसीयू में शिफ्ट कर दिया जाता है। निगेटिव आने पर सर सुंदरलाल अस्पताल की आइसीयू में भेजा जाता है।

एक छत के नीचे जांच व उपचार

सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक में एक छत के नीचे कोरोना संक्रमितों को जांच की सभी सुविधा दी जा रही है। अस्पताल प्रशासन ने यहां सीटी स्कैन व एमआरआइ को छोड़कर अन्य सभी जांच की व्यवस्था की है। ब्लड के अलावा एक्सरे, अल्ट्रासाउंड, ईसीजी जैसी जांच हो रही है। अस्पताल की ओर से कोरोना वार्ड में भर्ती मरीजों को खाना व दवा दिया जा रहा है। यहां महामना कोरोना कवच से जांच के लिए सैंपल लिया जाता है। महामना कोरोना कवच का निर्माण आइआइटी-बीएचयू के शोधार्थियों ने किया है। इसमें सुरक्षित तरीके से कोरोना सैंपल एकत्र करते हैं, जिससे सैंपल लेने वालों को संक्रमण की आशंका नगण्य होती है।

chat bot
आपका साथी