बीएचयू धरना : विश्वविद्यालय अपने फैसले पर अडिग, दस दिन बाद समीक्षा के बाद छात्र हित में होगा फैसला

बीएचयू पूरी तरह से न खोलने पर धरनारत छात्रों में से एक आमरण अनशन पर बैठ गया है। छात्रों की कोआर्डिनेशन कमेटी की बैठक हुई जिसमें छात्र आशुतोष कुमार ने बीएचयू पूरी तरह से खोले जाने तक भूख हड़ताल पर रहने का निर्णय लिया।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Thu, 25 Feb 2021 06:54 PM (IST) Updated:Thu, 25 Feb 2021 06:54 PM (IST)
बीएचयू धरना : विश्वविद्यालय अपने फैसले पर अडिग, दस दिन बाद समीक्षा के बाद छात्र हित में होगा फैसला
बीएचयू पूरी तरह से खोले जाने तक भूख हड़ताल पर रहने का निर्णय लिया।

वाराणसी, जेएनएन। बीएचयू पूरी तरह से न खोलने पर धरनारत छात्रों में से एक आमरण अनशन पर बैठ गया है। छात्रों की कोआर्डिनेशन कमेटी की बैठक हुई, जिसमें छात्र आशुतोष कुमार ने बीएचयू पूरी तरह से खोले जाने तक भूख हड़ताल पर रहने का निर्णय लिया। इसके बाद मुख्य द्वार पर चौथे दिन छात्र -छात्रा पूरे दिन नारे और विश्वविद्यालय के आलाकमान के विरूद्ध नारे लगाते रहे। इस बीच गुरुवार को छात्रों ने दोनों छोटे गेट पूरी तरह से खोल दिए जिससे वाहनों की आवाजाही होने लगी। इससे विगत तीन दिनों तक आंदोलन का खामियाजा भुगत रही जनता और कर्मचारियों को थोड़ी राहत तो मिली, मगर उसके बावजूद मुख्य द्वार पर दिन भर जाम की स्थिति बनी रही। इस दौरान छात्रों के धरनास्थल को पुलिस ने बैरिकैडिंग लगाकर घेर दिया गया था, जिससे कोई दुर्घटना की स्थिति न बने। गुरुवार शाम होते-होते छात्रों ने एक पोस्टर वर्कशाप आयोजित की, जिसमें छात्रों ने मुख्य द्वार पर ही पोस्टर बनाने की कला का प्रशिक्षण दिया। इस दौरान विश्वविद्यालय प्रशासन ने कई बाद धरना और अनशन खत्म करवाने की कोशिश की, मगर सारे प्रयास विफल रहे।
मुख्य द्वार से विश्वनाथ मंदिर तक पैदल मार्च
मुख्य द्वार पर बैठे छात्र पिछले चार दिनों से पहले और दूसरे वर्ष की कक्षाओं को खोलने की मांग पर धरने पर बैठे हैं। मगर, बीएचयू प्रशासन की माने तो वह चरणबद्ध तरीके से ही बीएचयू को खोले जाने की बात कर रहे हैं। वहीं छात्र भी अब आंदोलन को रचनात्मक मोड़ दे चुके हैं। शुक्रवार को बड़ी संख्या में छात्र मुख्य द्वार से विश्वनाथ मंदिर तक पैदल मार्च निकालेंगे।

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