बीएचयू की महिला प्रोफेसर ने सेंट्रल आफिस में कर्मचारी के चेंबर के सामने शुरू किया धरना

प्रोफेसरशिप के लिए आवेदन दिया था मगर साक्षात्कार रद कर दिया गया है। जानबूझकर उनकी हाजिरी के साथ छेड़छाड़ की गई है जिससे उनके प्रमोशन की प्रक्रिया रुक गई है। महिला प्रोफेसर ने बताया कि उनके धरने पर बैठते ही सेक्शन इंजार्च सुरेंद्र मिश्रा अपना कक्ष छोड़कर निकल गए।

By Abhishek sharmaEdited By: Publish:Mon, 01 Mar 2021 02:43 PM (IST) Updated:Mon, 01 Mar 2021 03:15 PM (IST)
बीएचयू की महिला प्रोफेसर ने सेंट्रल आफिस में कर्मचारी के चेंबर के सामने शुरू किया धरना
डा. शोभना नार्लिकर ने सेंट्रल आफिस में प्रशासन-शिक्षण के अनुभाग अधिकारी सुरेंद्र मिश्रा पर जातिगत दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है।

वाराणसी, जेएनएन। बीएचयू में पत्रकारिता विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डा. शोभना नार्लिकर बीएचयू के एक सेंट्रल आफिस में प्रशासन-शिक्षण (अवकाश) के अनुभाग अधिकारी सुरेंद्र मिश्रा पर जातिगत दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है। इसको लेकर वह बीएचयू के सेंट्रल आफिस के अंदर सुरेंद्र मिश्रा के कक्ष के सामने एकल धरने पर जा बैठी हैं। डा. शोभना ने बताया कि वह अनुसूचित जाति की अभ्यर्थी हैं इसलिए उनके साथ जातिगत भेदभाव किया गया है।

बताया कि उन्हाेंने प्रोफेसरशिप के लिए आवेदन दिया था मगर साक्षात्कार रद कर दिया गया है। जानबूझकर उनकी हाजिरी के साथ छेड़छाड़ की गई है, जिससे उनके प्रमोशन की प्रक्रिया रुक गई है। महिला प्रोफेसर ने बताया कि उनके धरने पर बैठते ही सेक्शन इंजार्च सुरेंद्र मिश्रा अपना कक्ष छोड़कर निकल गए।

वर्ष 2013 से लेकर अभी तक रेगुलर सेवा की हैं और हेड ने उनको अटेंडेंस का रजिस्टर भी भेजा है। इसके बावजूद वह दुर्भावना की शिकार हैं। उन्होंने कहा कि जब तक उनकी समस्या पर कोई समाधान नहीं दिया जाएगा तब तक वह धरने पर ही बैठी रहेंगी। वहीं दोपहर बाद तक चले धरने को खत्‍म कराने के लिए बीएचयू के अधिकारियों ने भी पहल की लेकिन कामयाबी नहीं मिल सकी।  

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