BHU मृत प्रोफेसर को बना दिया गया केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी, आरटीआइ से मिली जानकारी

बीएचयू में एक आरटीआइ आवेदन का जवाब देने की प्रक्रिया में कुछ अजीबो-गरीब किस्सा घट गया। आवेदनकर्ता ने चल रहे एक प्रोजेक्ट से संबंधित जानकारियां मांगी तो विवि प्रशासन ने केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी ऐसे व्यक्ति को बना दिया जिसका भौतिक अस्तित्व अब इस दुनिया में है ही नहीं। अ

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Thu, 21 Jan 2021 08:36 PM (IST) Updated:Fri, 22 Jan 2021 02:28 AM (IST)
BHU मृत प्रोफेसर को बना दिया गया केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी, आरटीआइ से मिली जानकारी
बीएचयू में एक आरटीआइ आवेदन का जवाब देने की प्रक्रिया में कुछ अजीबो-गरीब किस्सा घट गया।

वाराणसी, जेएनएन। बीएचयू में एक आरटीआइ आवेदन का जवाब देने की प्रक्रिया में कुछ अजीबो-गरीब किस्सा घट गया। आवेदनकर्ता ने बीएचयू में चल रहे एक प्रोजेक्ट से संबंधित जानकारियां मांगी, तो विवि प्रशासन ने केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी ऐसे व्यक्ति को बना दिया, जिसका भौतिक अस्तित्व अब इस दुनिया में है ही नहीं। अप्रैल माह में ही जियो फिजिक्स के प्रो. नागेंद्र प्रताप सिंह की मृत्यु हो गई, लेकिन उक्त प्रोफेसर को आरटीआइ में पूछे गए सवालों का जवाब देने के लिए उत्तरदायी अधिकारी बना दिया गया। यही नहीं प्रोफेसर से संपर्क करने के लिए एक फोन नंबर भी दिया गया था, जिस पर आवेदनकर्ता ने फोन लगाया तो घर वालों से यथास्थिति का पता चला और माफी मांगनी पड़ी।

हालांकि इस आरटीआइ आवेदन में अन्य कई विभागों से जुडें कई सवाल थे, जिसमें और कई लोक सूचना अधिकारी बनाए गए थे, जिनमें से एक के जवाब भी मिले हैं। आरटीआइ में एक प्रोफेसर के अंतर्गत चल रहे प्रोजेक्ट और उससे संबंधित जानकारियां मांगी गईं थी, जिसके जवाब में बताया गया कि उक्त प्रोफेसर के नाम से कोई प्रोजेक्ट नहीं चल रहा है। जबकि लोगाें का कहना है इस प्रोजेक्ट के तहत करीब डेढ़ माह पहले ही विज्ञापन आया था और एक पद पर नियुक्ति भी हुई थी। इसके अलावा आरटीआइ में पूछे गए सवालों का जवाबों का आरटीआइ आवेदनकर्ता को इंतजार है।

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