बीएचयू के सीएमओ डा. ओपी उपाध्याय ने वीसी, निदेशक पर लगाए गंभीर आरोप, राष्ट्रपति व पीएम से शिकायत
बीएचयू के सीएमओ एवं सर सुंदरलाल अस्पताल के पूर्व चिकित्सा अधीक्षक डा. ओपी उपाध्याय ने कार्यवाहक कुलपति एवं चिकित्सा विज्ञान संस्थान के निदेशक पर गंभीर आरोप लगाए हैं। कार्रवाई के लिए राष्ट्रपति व विवि के विजिटर के साथ ही प्रधानमंत्री और केंद्रीय शिक्षा मंत्री को ईमेल से शिकायत की है।
वाराणसी, जेएनएन। बीएचयू के सीएमओ एवं सर सुंदरलाल अस्पताल के पूर्व चिकित्सा अधीक्षक डा. ओपी उपाध्याय ने कार्यवाहक कुलपति एवं चिकित्सा विज्ञान संस्थान के निदेशक पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने पिछले दिनों प्रो. केके गुप्ता को एसएस अस्पताल का एमएस व डा. सौरभ सिंह को ट्रामा सेंटर का प्रभारी बनाने पर भी सवाल उठाया है। विश्वविद्यालय के उच्चाधिकारियों पर दबाव में आकर नियुक्ति का आरोप लगाते हुए उन्होंने इस मामले में कार्रवाई के लिए राष्ट्रपति व विवि के विजिटर के साथ ही प्रधानमंत्री और केंद्रीय शिक्षा मंत्री को ईमेल के माध्यम से शिकायत की है।
डा. उपाध्याय का कहना है कि अस्पताल में अव्यवस्था और मरीजों की मौत की जिम्मेदारी सिर्फ एमएस की ही क्यों। उन्होने आरोप लगाया कि कोरोना वार्ड के इंचार्ज व एक डिप्टी एमएस ने कार्रवाई व जिम्मेदारी से बचने के लिए अधिकारियों की मिलीभगत से पूरी साजिश के तहत पहले ही मैदान छोड़ दिया। अगर कोई गड़बड़ी हैं तो इसके जिम्मेदार कोरोना वार्ड के पूर्व इंचार्ज, डीएमएस के साथ ही संस्थान के निदेशक एवं कुलपति भी हैं, जो कि संस्थान के डाक्टर भी हैं। ऐसे में सिर्फ एमएस प्रो. माथुर को ही क्यों बलि का बकरा बनाया गया।
डा. उपाध्याय ने लिका है कि जिस पर ब्लड बैंक के खून में गड़बड़ी, आर्थिक भ्रष्टाचार की नीयत से मनमानी मशीनें खरीदने, गड़बड़ी कर नियुक्ति पाने के आरोप हैं उन्हीं का प्रमोशन कर दिया गया। शहर में और भी कई कोरोना अस्पताल हैं, लेकिन सबसे अधिक बीएचयू में ही अव्यवस्था सामने आई और उन मरीजों की भी मौत हुई जिन्हें बचाया जा सकता था। कुछ अधिकारियों के कारण बीएचयू अस्पताल एवं सरकार की छवि खराब हुई है। उन्होंने सरकार से इस मामले में आरोपितों के खिलाफ उचित कार्रवाई की मांग की है। डा. उपाध्याय द्वारा लगाए गए आरोपों के संबंध में पूछे जाने पर चिकित्सा विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो. बीआर मित्तल ने बताया कि डा. उपाध्याय की शिकायत मिली है, लेकिन हमारा उद्देश्य अस्पताल की व्यवस्था सुधारना है। रही बात किसी की नियुक्ति की तो यह कुलपति के यहां से की गई है। इसलिए इस मामले में वे ही कुछ बता पाएंगे। इस संबंध में कार्यवाहक कुलपति से संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन बात नहीं हो सकी।