बीएचयू और अमेरिका के विज्ञानियों ने सुझाए प्रतिरक्षा बढ़ाने के उपाय, जानिए जिंक और विटामिन डी का महत्‍व

शरीर की प्रतिरक्षा क्षमता बढ़ाने को लेकर चिकित्सा विज्ञान संस्थान बीएचयू स्थित न्यूरोलॉजी विभाग के डा. अभय कुमार सिंह एवं प्रो. रामेश्वर नाथ चौरसिया के साथ ही अमेरिका के टैक्सास यूनिवर्सिटी के प्रो. देवाशीष बागची द्वारा एक पुस्तक लिखी गई है।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Fri, 14 May 2021 01:08 PM (IST) Updated:Fri, 14 May 2021 05:24 PM (IST)
बीएचयू और अमेरिका के विज्ञानियों ने सुझाए प्रतिरक्षा बढ़ाने के उपाय, जानिए जिंक और विटामिन डी का महत्‍व
शीर्षक “एंटी ऑक्सीडेंट एंड फंक्शनल फूड इन नीरो डिजनरेटिव डिसऑर्डर्स- यूजर्स इन प्रीवेंशन एंड थेरेपी” है।

वाराणसी [मुकेश चंद्र श्रीवास्तव]। कोरोना वायरस से अपने को बचाने एवं शरीर की प्रतिरक्षा क्षमता बढ़ाने को लेकर चिकित्सा विज्ञान संस्थान, बीएचयू स्थित न्यूरोलॉजी विभाग के डा. अभय कुमार सिंह एवं प्रो. रामेश्वर नाथ चौरसिया के साथ ही अमेरिका के टैक्सास यूनिवर्सिटी के प्रो. देवाशीष बागची द्वारा एक पुस्तक लिखी गई है। यह पुस्तक पिछले माह ही विश्व प्रसिद्ध पब्लिशर टैलर एंट प्रांसिस, प्रेस इंग्लैंड द्वारा प्रकाशित हुई। इसका शीर्षक “एंटी ऑक्सीडेंट एंड फंक्शनल फूड इन नीरो डिजनरेटिव डिसऑर्डर्स- यूजर्स इन प्रीवेंशन एंड थेरेपी” है। इस पुस्तक में विभिन्न प्रकार के रोगों को अपने खानपान द्वारा ठीक करने पर जोर दिया गया है। इस पुस्तक में विषाणु रोगों से लड़ने के लिए जिंक और विटामिन डी के महत्व को समझाया गया है, जो एंटीवायरस एक्टिविटी की क्षमता को कायम रखता है। साथ ही विटामिन डी हमारे प्रतिरक्षा तंत्र की कोशिकाओं को मजबूत बनाता है।

खानपान को ठीक करने से नहीं कम होगा ऑक्सीजन 

पुस्तक में बताया गया है कि मनुष्य के शरीर में अपने वायरल स्पाइक प्रोटीन द्वारा एसटी टू रिसेप्टर जोकि कई कोशिकाओं में पाए जाते हैं, अपनी पहुंच बनाकर इन्यून एवं ब्लड को प्रभावित कर देता है। सर्व प्रथम यह फेफड़ों की काेशिकाओं के द्वारा ब्लड और हीमोग्लोबिन को नष्ट कर देता हैं, जिसस ब्लड की ऑक्सीजन को ले जाने वाली क्षमता घट जाती है। डा. अभय सिंह बताते हैं कि हीमोग्लाेबिन नष्ट होने से खून में थक्के जमने लगते हैं तथा व्यक्ति की कम ऑक्सीजन और खून जमने से मौत हो जाती है। आज के परिवेश में कोरोना के शिकार होने से बचने के लिए प्रकृति ने जो हमें दिया हैं उस खानपान, रहन-सहन से हम अपने आपको ठीक कर सकते हैं। 

सरलता से मिल जाती है विटामिन डी, फिर भी कमी 

इस पुस्तक के एक भाग में विषाणु रोगों से लड़ने के लिए जिंक और विटामिन डी के महत्व को समझाया गया है। जिंक एक अद्भुत पदार्थ है, जो सूजन एवं एंटीवायरस एक्टिविटी की क्षमता रखता है या फिर साइटों काइन एवं सूजन करने वाले फैक्टर एनएफ- काप्पा बी को कम करता है। इसके अलावा वायरस को कोशिकाओं से बाहर निकालने में मदद करता है। इसी प्रकार विटामिन डी को लेकर बहुत सी बातें की जाती हैं, लेकिन डा. अभय, प्रो. चौरसिया एवं प्रो. बागची का यह मानना है कि विटामिन डी जो धूप, मछली, दूध व बाहर करने से व्यक्ति को सरलता से मिल जाती है। इसकी कमी घर में रहने से, व्यायाम नहीं करने से, धूप में नहीं जाने से से और विटामिन डी युक्त पदार्थों के नहीं खाने से होती है। भारत में अक्सर पया गया है कि लोग अपनी डाइट “क्वालिटी इंडेक्स” को कभी ध्यान नहीं देते, जिसके कारण उनमें विटामिन डी की कमी पाई जाती है।

पेट में अच्छे माइक्रोब्स बढ़ाने में भी मददगार 

विटामिन डी हमारे पेट में अच्छे माइक्रोब्स बढ़ाने में सहायता करता है, जिसे वैज्ञानिक भाषा में माइक्रोफ्लोरा भी कहा जता है। इससे पूरा शरीर किसी भी प्रकार की बाहरी माइक्रोब्स के आक्रमण से बचा रहता है। इन सभी विज्ञानियों का ऐसा मानना है कि आज के परिवेश में जहां सभी लोग रेमडेसिविर, डेक्सामेथासोन व स्ट्राइड जैसे पदार्थों को बिना किसी हिचक के अपने शरीर में डालने के लिए आतुर हैं। वहीं आगे चलकर शरीर को बहुत नुकसान भी पहुंचाता है। 

बच्चों को भी खिलाएं विटामिन डी व जिंक युक्त पदार्थ 

डा. अभय ने सलाह दी है कि इस समय सभी को धैर्य रखने के साथ कोरोना से बचने के लिए अपने आहार और अपने व्यवहार को सही रखें। आहार में विटामिन डी एवं जिंक की मात्रा सुनिश्चित करें। साथ ही बच्चों को भी ऐसे पदार्थ खिलाएं जिसमें की जिंक व विटामिन डी हो। इसके अलावा व्यायाम करें, अपनी दिनचर्या नियमित रहें, बाहर निकले तो मास्क जरूर लगाएं, अपने हाथ को धोने एवं सरकार द्वारा जारी गाइड लाइन का पालन करते हुए अपने आपको सुरिक्षत रखें। 

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