BHU में दूसरे के हेल्थ कार्ड पर उपचार मामले में छात्र और मरीज के परिजनों के खिलाफ तहरीर
अस्पताल में देर रात छात्रों और चिकित्सकों के बीच विवाद को लेकर शुक्रवार की सुबह भी गहमागहमी बनी रही। गुरुवार की देर रात बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में कुछ छात्रों द्वारा जमकर हंगामा करने के मामले में प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है।
वाराणसी, जेएनएन। बीएचयू अस्पताल में देर रात छात्रों और चिकित्सकों के बीच विवाद को लेकर शुक्रवार की सुबह भी गहमागहमी बनी रही। गुरुवार की देर रात बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में कुछ छात्रों द्वारा जमकर हंगामा करने के मामले में प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है। चिकित्सकों का आरोप था कि ये छात्र दूसरे की आईडी पर मरीज दिखाने पहुंचे थे। जब डॉक्टरों ने टोका तो बवाल करने पर उतारू हो गए। इस मामले में आरोपित छात्र और संबंधित मरीज के परिजनों के खिलाफ लंका थाने में तहरीर दी गई है। छात्रों के हंगामे के कारण इमरजेंसी वार्ड में भर्ती सीरियस मरीजों एवं उनके परिजनों को भी इस दौरान काफी परेशान होना पड़ा। इसके साथ ही जो मरीज बाहर से दिखाने के लिए आये थे बवाल के कारण उन्हें भी एम्बुलेंस में इंतजार करना पड़ा।
विवाद की वजह
बीएचयू में पढ़ने वाले छात्रों के उपचार के लिए हेल्थ कार्ड मिलता है। जिसे सबसे पहले सिर्फ छात्रों के उपचार के लिए बने स्टूडेंट हेल्थ सेंटर में दिखाना पड़ता है। वहां से रेफर होने पर सर सुंदरलाल अस्पताल में दिखाने की व्यवस्था है। अगर छात्र की हालत बहुत गंभीर है तो सीधे इमरजेंसी वार्ड में उपचार कराया जा सकता है। यह अक्सर ही आरोप लगता रहता है कि कुछ छात्र जबरदस्ती इमरजेंसी वार्ड में आकर दूसरे के हेल्थ कार्ड पर अन्य के इलाज के लिए दबाव डालते हैं। इसपर जब कोई आपत्ति जताता है तो मारपीट तक कि नौबत तक आ जाती है।
पुलिस ने बताया
इंस्पेक्टर लंका महेश पांडेय ने बताया कि छात्र दूसरे के हेल्थ कार्ड पर मरीज का इलाज करा रहे थे। डॉक्टर ने जब देखा तो इसी बात को लेकर छात्रों और डॉक्टरों के बीच कहासुनी हो गई। दोनों पक्ष एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। डॉक्टर का कहना है कि हम फर्जी इलाज नहीं होने देंगे। पुलिस द्वारा मौके पर चिकित्सा अधीक्षक को भी बुलाया गया था।
बोले विभागीय अधिकारी और छात्र
इस संबंध में चिकित्सा विज्ञान संस्थान, बीएचयू के डिप्टी चीफ प्राक्टर प्रो. एमए अंसारी ने कहा कि दोनों पक्षों से बात की गई है। दूसरे के हेल्थ कार्ड पर इलाज कराना गलत है। मामले की जांच कराई जाएगी। डाक्टरों की मांग है हंगामा करने एवं हेल्थ कार्ड का दुरुपयोग करने वालों पर एफआईआर दर्ज की जाय। वहीं दूसरी ओर छात्रों का आरोप है कि डाक्टरों ने उनके साथ बदसलूकी की। मरीज के लिखित आवेदन पर डिस्चार्ज किया गया है और डाक्टर की तरफ से मेडिकल सुपरिटेंडेंट प्रो. माथुर ने एफआइआर दर्ज कराई है।
बोले चीफ प्राक्टर
छात्र और दूसरे के हेल्थ कार्ड पर इलाज करा रहे परिजन के खिलाफ भी तहरीर दी गई है। मामले की जांच चल रही है। - प्रो. ओपी राय, चीफ प्राक्टर, बीएचयू।