पूर्वांचल में धूम मचाने को तैयार हो रहा भदाेही का परवल, 1000 एकड़ में तैयार हो रही फसल
भोजन की थाली में सब्जियों के रूप में अच्छी खासी पहचान बना चुकी परवल एक बहुवर्षीय फसल है। औषधीय गुणों से भरपूर यह स्वास्थ्य के लिए जितना गुणकारी है उसी तरह इसकी खेती से मिलने वाली उपज किसानों की माली हालत भी सुधारती है।
भदोही, जेएनएन। भोजन की थाली में सब्जियों के रूप में अच्छी खासी पहचान बना चुकी परवल एक बहुवर्षीय फसल है। औषधीय गुणों से भरपूर यह स्वास्थ्य के लिए जितना गुणकारी है, उसी तरह इसकी खेती से मिलने वाली उपज किसानों की माली हालत भी सुधारती है। भदोही सहित पूरे पूर्वांचल में धूम मचाने को सीतामढ़ी में परवल की खेती तैयार होने लगी है। लहलहाने लगी परवल के पौधों को देख किसान भरपूर पैदावार को लेकर आशान्वित होने लगे हैं।
गंगा की धारा से तीन तरफ घिरे डीघ ब्लाक क्षेत्र के कोनिया क्षेत्र से गंगा कछार में चकिया से बनकट तक करीब 1000 एकड़ क्षेत्रफल में परवल की खेती हो रही है। परवल की खेती कर रहे डीघ के किसान श्यामलो ङ्क्षसह, विश्वभर भारतीय, विजय सिंह, भुल्लर, डब्लू व झूलन सिंह ने बताया कि प्रति एकड़ खेती पर करीब 60 हजार लागत आती है। जिसमें माह भर में करीब 60 क्विंंटल पैदावार हासिल होता है और एक से डेढ़ लाख रुपये तक का मुनाफा हासिल हो जाता है। बताया कि परवल को कछवां मीरजापुर, वाराणसी के पहडिय़ा मंडी, यहां तक की गाजीपुर व बलिया की मंडी तक परवल पहुंचाया जाता है।
सेमराध नगरदह में गाजीपुर के आते हैं किसान
डीघ ब्लाक क्षेत्र के सेमराधनाथ धाम सहित नगरदह, पुरवां सहित अन्य स्थानों पर गाजीपुर तक के किसान आकर लीज पर भूमि लेकर परवल की खेती करते हैं। मौजूदा समय में परवल के पौधे जहां बढ़वार की ओर हैं तो फसल को देख किसान पूरी मेहनत के साथ फसल की देखभाल करने में जुटे हुए हैं। जो उत्पादन को गाजीपुर से लेकर अन्य जिलों तक में परवल को पहुंचाते हैं।
एक से डेढ़ लाख रुपये तक का मुनाफा हासिल हो जाता है
क्विंटल पैदावार हासिल होता है और एक से डेढ़ लाख रुपये तक का मुनाफा हासिल हो जाता है। बताया कि परवल को कछवां मीरजापुर, वाराणसी के पहडिय़ा मंडी, यहां तक की गाजीपुर व बलिया की मंडी तक परवल पहुंचाया जाता है।
सेमराध नगरदह में गाजीपुर के आते हैं किसान
डीघ ब्लाक क्षेत्र के सेमराधनाथ धाम सहित नगरदह, पुरवां सहित अन्य स्थानों पर गाजीपुर तक के किसान आकर लीज पर भूमि लेकर परवल की खेती करते हैं। मौजूदा समय में परवल के पौधे जहां बढ़वार की ओर हैं तो फसल को देख किसान पूरी मेहनत के साथ फसल की देखभाल करने में जुटे हुए हैं। जो उत्पादन को गाजीपुर से लेकर अन्य जिलों तक में परवल को पहुंचाते हैं।