नाटी इमली का भरत मिलाप : काशी में उमड़ा आस्था का सागर, जय श्री राम का गूंजा उद्घोष
रामनगर दुर्ग से लोहटिया अयोध्या भवन के लिए काशीराज परिवार के अनंत नारायण सिंह रवाना हुए तो उनके साथ परंपरागत तौर पर सेना की भी मौजूदगी रही। अनंत नारायण सिंह अपने बेटों के साथ दुर्ग से निकले तो आयोजन मानो परंपरा का रुप दोबारा लेता नजर आया।
वाराणसी, जागरण संवाददाता। काशी के लक्खा मेलों में से एक नाटी इमली मैदान में ऐतिहासिक भरत मिलाप का आयोजन विजय दशमी के ठीक अगले दिन शनिवार को किया जा रहा है। सुबह से ही तैयारियों को अंतिम रूप देते हुए आयोजन समिति ने विश्व विख्यात आयोजन के लिए सुरक्षा सहित बैरिकेडिंग का जायजा लिया। आयोजन की तैयारियां पूरी होने के बाद दोपहर से नाटी इमली मैदान में भक्तों का हुजूम उमड़ा तो हर हर महादेव के साथ ही जय श्री राम का भी उद्घोष गूंज उठा।
आयोजन के दौरान उत्साह ऐसा कि लोगों को काबू करना भी मुश्किल होने लगा। आयोजन के दौरान श्रीराम चरित मानस पाठ के साथ ही चारों भाइयों के मिलन का प्रसंग पाठ श्रीचित्रकूट राम लीला के रामायणी दल ने किया तो ठीक 4:40 बजे चारो भाइयों का परंपरागत रूप से मिलन का प्रसंग मंच पर हुआ तो समूची काशी निहाल हो उठी।
दोपहर में रामनगर दुर्ग से लोहटिया अयोध्या भवन के लिए काशीराज परिवार के अनंत नारायण सिंह रवाना हुए तो उनके साथ परंपरागत तौर पर सेना की भी मौजूदगी रही। अनंत नारायण सिंह अपने बेटों के साथ दुर्ग से निकले तो आयोजन मानो परंपरा का रुप दोबारा लेता नजर आया। नाटी इमली मैदान में भरत विलाप देखने के लिए और अपने राजा को देखने के लिए भीड़ उमड़ती रही। चार बजे के बाद भीड़ को परिसर में आने से रोक दिया गया। इसके बाद खचाखच भरे मैदान में आयोजन का इंतजार सभी की आंखें करती नजर आईं।
विश्व विख्यात नाटी इमली का भरत मिलाप मैदान दो वर्ष बाद फिर गुलजार हो उठाा। मौका था चारों भाइयों के मिलन का। दोपहर बाद रथ नाटी इमली पहुंचा तो उद्घोष से पूरा मैदान गूंज उठा। भरत मिलाप के मैदान आस्था का कोई ओर छोन नजर नहीं आ रहा था। भरत और शत्रुघ्न भी लीलास्थल पर पहुंचे तो आयोजन की कड़ियां शाम चार बजे जुड़ गईं। भरत मिलाप मैदान पर श्री राम लक्ष्मण और माता जानकी के आते ही पूरा मैदान हर हर महादेव और जय श्री राम के उद्घोष से गूंज उठा। भरत मिलाप मैदान खचाखच आस्थावानों से भर गया तो प्रशासन ने और लोगों की एंट्री बंद कर दी।