भदोही पुलिस ने जिंदा मिले जोखन तिवारी को कोर्ट में किया पेश, कार्रवाई के लिए दिया निर्देश

भदोही गोपीगंज क्षेत्र के चक निरंजन गांव में 13 साल बाद जिंदा मिले जोखन तिवारी को गुरुवार को पुलिस न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया। कोर्ट ने बयान दर्ज करने के बाद उसे रिहा कर दिया। पुलिस ने 13 साल से गायब रहे जोखन को हिरासत में ले लिया था।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Thu, 04 Mar 2021 05:42 PM (IST) Updated:Thu, 04 Mar 2021 05:42 PM (IST)
भदोही पुलिस ने जिंदा मिले जोखन तिवारी को कोर्ट में किया पेश, कार्रवाई के लिए दिया निर्देश
13 साल बाद जिंदा मिले जोखन तिवारी को गुरुवार को पुलिस न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया।

भदोही, जेएनएन। गोपीगंज कोतवाली क्षेत्र के चक निरंजन गांव में 13 साल बाद जिंदा मिले जोखन तिवारी को गुरुवार को पुलिस न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया। कोर्ट ने बयान दर्ज करने के बाद उसे रिहा कर दिया। कहा कि विपक्ष के लोग उचित फोरम पर कानूनी कार्रवाई कर सकते हैं। एसपी रामबदन सिंह ने बताया कि मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है। ऐसे में विपक्ष के लोगों का वहां पर ही इस प्रकरण को रखना होगा। यदि वह कोई शिकायत करते हैं तो उसकी जांचकराई जाएगी।

जिस जोखन तिवारी का अपहरण और फिर हत्याकर शव को गायब करने के मामले में चार लोगों ने सजा काटी थी वह बुधवार को जिंदा मिला था। महिला की शिकायत पर पुलिस ने 13 साल से गायब रहे जोखन को हिरासत में ले लिया था। अभियुक्त दूधनाथ की पत्नी शकुतंला ने आरोप लगाई थी कि जोखन के भाई बेचन ने फर्जी कहानी बनाकर उसके पति और भाई को फंसाया था। वह चुपके से घर आता था  और पत्नी से मिलकर चला जाता था। तीन साल एक माह सजा काट कर परिवार के लोग रिहा हुए थे। आरोप लगाई कि वह गुजरात में रहकर नौकरी करता था। पुलिस ने जोखन को कोर्ट में पेश किया लेकिन कोर्ट ने उसे यह कहते हुए रिहा कर दिया कि विपक्ष के लोग उचित फोरम पर अपना पक्ष रखकर कार्रवाई करें। अभियुक्त के अधिवक्ता मनोज पांडेय ने बताया कि इस मामले में जोखन और दो अन्य गवाहों के खिलाफ कार्रवाई होगी। तीनों  ने मिलकर साजिश फर्जी कहानी बनाई थी।

घर जाने के पहले वकील से किया था मुलाकात

घर जाने के पहले जोखन अपने वकील से मिला था। वकील के सलाह के बाद वह हर सवालों का जवाब बारीकी से दे रहा था। वह अब भी अपहरण की घटना पर अडिग है। उसका कहना है कि अपहरण कर उसे पता नहीं कहां छोड़ दिया गया था। इससे मानसिक संतुलन ठीक नहीं था। जब वह ठीक हुआ तो गांव आया।

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