विधायक विजय मिश्र कोर्ट में तलब होने की सूचना पर चौकन्ना हुई भदोही पुलिस, आगरा जेल में हैं बंद

महिला उत्पीड़न मजिस्ट्रेट विदिशा भूषण और न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वितीय रीवा केसरवानी की अदालत ने विधायक विजय मिश्र को व्यक्तिगत रूप से तलब किया है। कड़ी सुरक्षा के बीच मंगलवार को पेशी होने की संभावना है। अधिवक्ता ने बताया कि अदालत ने 20 जुलाई को व्यक्तिगत रूप से तलब किया है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Tue, 20 Jul 2021 07:50 AM (IST) Updated:Tue, 20 Jul 2021 07:50 AM (IST)
विधायक विजय मिश्र कोर्ट में तलब होने की सूचना पर चौकन्ना हुई भदोही पुलिस, आगरा जेल में हैं बंद
अदालत ने विधायक विजय मिश्र को व्यक्तिगत रूप से तलब किया है।

भदोही, जागरण संवाददाता। महिला उत्पीड़न मजिस्ट्रेट विदिशा भूषण और न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वितीय रीवा केसरवानी की अदालत ने विधायक विजय मिश्र को व्यक्तिगत रूप से तलब किया है। कड़ी सुरक्षा के बीच मंगलवार को पेशी होने की संभावना है। पेशी को लेकर पुलिस चौकन्ना हो गई है।

गोपीगंज कोतवाली में रितेश्तेदार का फर्म और भवन हड़पने के आरोप में चार अगस्त 2020 को विधायक, एमएलसी रामलली और उनके पुत्र विष्णु मिश्रा के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। 18 अगस्त को उन्हें मध्य प्रदेश के आगर जिले में गिरफ्तार कर जेल भे दिया गया है। छह जुलाई को पेशी होनी थी लेकिन वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से दो मामलों में रिमांड बन गया था जबकि सामूहिक दुष्कर्म और ऊंज में सरकारी भूमि पर कब्जा करने आदि मामलों में रिमांड नहीं बन पाया था। महिला उत्पीड़न की अदालत ने मामले को गंभीरता से लेते हुए विधायक को व्यक्तिगत रूप से तलब किया है। पेशी की जानकारी होते ही पुलिस चौकन्ना हो गई तो समर्थक भी मिलने की योजना बनाने लगे। विजय मिश्र के अधिवक्ता आनंद शुक्ला ने बताया कि महिला उत्पीड़न और न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने 20 जुलाई को व्यक्तिगत रूप से तलब किया है। पुलिस पेश करती है कि नहीं यह स्पष्ट नहीं हो सका है। पुलिस जानबूझकर मामले को लटकाने में जुटी हुई है। एसपी रामबदन सिंह ने बताया कि इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है।

पुलिस एक ओर अपराधियों पर शिकंजा कसने का दावा कर रही है तो दूसरी ओर पेशी कराने से भी कतरा रही है। भदोही पुलिस जिस रफ्तार से एक पखवारे के अंदर स्वत: संज्ञान लेकर गुंडा एक्ट सहित ताबड़तोड़ सात मुकदमा दर्ज की थी उसी तरह सुस्त पड़ती दिख रही है। पुलिस की इस कार्यशैली पर सवाल उठना लाजिमी है। कभी चुनाव तो अन्य कारण बताकर मुकदमों को लटकाने में जुटी हुई है। पुलिस अधिकारियों के अंदरखाने में क्या गुल खिल रहा है इसको लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।

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