भदोही के निर्यातक को मिला तीन करोड़ का क्रेडिट गारंटी क्लेम, ईसीजीसी की वाराणसी शाखा में प्रदान किया गया चेक
भदोही एक्सपोर्ट क्रेडिट गारंटी कारपोरेशन (ईसीजीसी) वाराणसी स्थित कार्यालय द्वारा गुरुवार को भदोही की कालीन फर्म मेसर्स- ओएसी रग्स को तीन करोड़ का क्लेम चेक दिया गया। ईसीजीसी ने तीन करोड का क्लेम फर्म पार्टनर को उपलब्ध करा दिया।
भदोही, जागरण संवाददाता। एक्सपोर्ट क्रेडिट गारंटी कारपोरेशन (ईसीजीसी) वाराणसी स्थित कार्यालय द्वारा गुरुवार को भदोही की कालीन फर्म मेसर्स- ओएसी रग्स को तीन करोड़ का क्लेम चेक दिया गया। वाराणसी शाखा के शाखा प्रबंधक मनोज कुमार जैन और प्रबंधक मुरलीधर महतो ने संयुक्त रूप से कंपनी के पार्टनर मोहम्मद अरफा नसीम अंसारी, इफराह नसीम अंसारी, अफसान नसीम अंसारी और शगूफा नसीम अंसारी को दावा भुगतान किया। बताया कि ईसीजीसी, भारत सरकार का एक उद्यम है, जो वाणिज्य मंत्रायल, भारत सरकार के अधीन कार्यरत है।
प्रबंधक मुरलीधर महतों ने बताया कि भदोही की ओएसी रग्स ने 2020 में दुबई की एक आयातक फर्म को करीब पांच करोड का कालीन निर्यात किया था। इसमें करीब एक करोड का भुगतान हो चुका था बाद में कंपनी डिफाल्टर हो गई। ओएसी रग्स ने ईसीजीसी के माध्यम से निर्यात किया था इसलिए उन्हें इसका लाभ मिला। बताया कि बड़ी रकम थी। इसलिए क्लेम की तमाम प्रक्रिया पूरी करने में समय लगा। कोरोना की दूसरी लहर के कारण भी विलंब हुआ। बावजूद इसके ईसीजीसी ने तीन करोड का क्लेम फर्म पार्टनर को उपलब्ध करा दिया। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ओएसी रग्स के मालिक नसीम अंसारी व उनकी पत्नी का निधन हो गया था। कंपनी की पार्टनर उनकी तीन बेटियों व एक बेटे के लिए ईसीजीसी ने राहत प्रदान किया।
किसी भी व्यवसाय का पहचान होता है ट्रेडमार्क
इनोवेशन काउंसिल (नवाचार परिषद) के तत्वाधान में श्यामा प्रसाद मुखर्जी राजकीय महाविद्यालय में गुरुवार को बौद्धिक संपदा अधिकार विषयक कार्यशाला का आयोजन किया गया। प्राचार्य प्रो. मुरलीधर राम ने नवाचार परिषद के महत्व से अवगत कराते हुए छात्रों को नए विचारों के क्रियान्वयन के लिए प्रेरित किया।भारतीय कालीन प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईसीटी) की प्रोफेसर डा. बेट्टी दासगुप्ता ने छात्रों को कापीराइट के अंतर्गत मौलिक लेखन, गायन या साहित्यिक रचनाओं के अधिकार से परिचित कराया। बताया कि ट्रेडमार्क किसी भी व्यापार या व्यवसाय का पहचान होता है।.उसकी नकल कोई दूसरा नहीं कर सकता। कहा कि किसी भी नए अविष्कार का पेटेंट ले लेना चाहिए अन्यथा व्यवसाय में हानि होने की संभावना बनती है। उन्होंने हल्दी, नीम, कारपेट आदि के पेटेंट से संबंधित कानूनी विवादों की चर्चा करते विभिन्न आयामों को समझाया।