हो जाएं सावधान! वाराणसी में बच्चे की फीस भेजने का झांसा देकर 22 हजार की ठगी

जालसाज ने शिक्षक सुरेंद्र नाथ मिश्र के खाते में मौजूद 22 हजार पांच सौ रुपए ठग लिए। सोमवार की दोपहर शिक्षक ने थाने में पहुंच रिपोर्ट दर्ज करने हेतु बैंक खाते के स्टेटमेन्ट संग जालसाज के दो अज्ञात मोबाइल नम्बरों के खिलाफ तहरीर दी।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 03:29 PM (IST) Updated:Mon, 14 Jun 2021 03:29 PM (IST)
हो जाएं सावधान! वाराणसी में बच्चे की फीस भेजने का झांसा देकर 22 हजार की ठगी
साइबर क्राइम के मामले रुकने का नाम नही ले रहे।

वाराणसी, जेएनएन। साइबर क्राइम के मामले रुकने का नाम नही ले रहे। कोरोना महामारी के आपदा में जालसाज अवसर तलाश जनता को ठगने हेतु नए-नए हथकंडे अपना रहे हैं। बच्चों की आनलाइन फीस भेजने का झांसा देकर रविवार की रात साइबर जालसाज ने शिक्षक सुरेंद्र नाथ मिश्र के खाते में मौजूद 22 हजार पांच सौ रुपए ठग लिए। सोमवार की दोपहर शिक्षक ने थाने में पहुंच रिपोर्ट दर्ज करने हेतु बैंक खाते के स्टेटमेन्ट संग जालसाज के दो अज्ञात मोबाइल नम्बरों के खिलाफ तहरीर दी।

मिर्जामुराद के अषाढ़ गांव निवासी सुरेंद्र नाथ मिश्र क्षेत्र के ही गौर गांव स्थित एसएनएस स्कूल में शिक्षक होने के साथ ही कार्यालय का काम देखते हैं। शिक्षक के मोबाइल पर साइबर जालसाज ने फोन कर अपने दो बच्चों के आनलाइन फीस जमा करने हेतु फोन पे एप पूछा। इसके बाद जालसाज ने पांच-छह मैसेज भेजे। मैसेज भेजने के बाद जालसाज ने दूसरे नम्बर से फोन कर मैसेज के बगल में दिख रहे ओके के आप्‍शन का बटन दबा बैलेंस चेक करने को बोला। उक्त मैसेज को ओके करते ही खाते से दो बार में 22 हजार पांच सौ रुपया निकल गया। कोरोना महामारी के दौर में खाते से पूरा रुपया निकल जाने से शिक्षक परेशान हैं। शिक्षक का आरोप हैं कि एफआईआर दर्ज कर कापी देने में पुलिस हीलाहवाली कर रही हैं।

कोरोना संक्रमण काल में बढ़ गए मामले : दरअसल दो वर्षों से कोरोना संक्रमण की वजह से एक ओर तो लोग बेरोजगार हुए हैं दूसरे ऑनलाइन लेन देन पर लोग अधिक भरोसा करने लगे हैं। ऐसे में अपराधी ऐसे लोगों पर विशेष निगाह रखते हैं और ऑनलाइन पेमेंट के जरिए, विज्ञापन के जरिए और बोगस लाभों का हवाला देकर लोग भोले भाले लोगों को ठगने का खूब काम कर रहे हैं। ऐसे मामलों में खुुद ही पैसे भेजने को लेकर लोग न तो शिकायत करते हैं और न ही पुलिस ही ऐसे लोगों की मदद करती है। खासकर बुजुर्गों के साथ ऐसा मामला होने पर कोरोना काल में उनको निकलकर शिकायत करना और भागदौड़ करना काफी चुनौतीपूर्ण हो जाता है। लिहाजा अपराधी भी लोगों की जरूरतों और मजबूरियों का खूब फायदा उठाते हैं।    

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