कोरोना से लड़ाई : ...हो सके तो एक चुटकी मंगरैल ही चबा लीजिए, वायरस नष्ट हो जाएंगे
कोरोना और भी आक्रामक होता जा रहा है ऐसे में जरूरी है कि आप भी मजबूत रहें। ताकि इससे लड़ सकें। कोरोना से लड़ने के लिए आपको सावधान होने जरूरी है। बस अपने पारंपरिक एवं भारतीय विधियों से भी आप अपने आपको लड़ने लिए तैयार कर सके हैं।
वाराणसी, मुकेश चंद्र श्रीवास्तव। वैश्विक माहामारी कोरोना और भी आक्रामक होती जा रही है। ऐसे में जरूरी है कि आप भी मजबूत रहें। ताकि इससे लड़ सके। कोरोना से लड़ने के लिए आपको सावधान होने जरूरी है। बस अपने पारंपरिक एवं भारतीय विधियों से भी आप अपने आपको लड़ने लिए तैयार कर सकते हैं। ज्यादा कुछ नहीं अगर आप एक-दाे चुटकी मंगरैल (कलौंजी) भी चबा लेते हैं तो आप वायरसों का सामना करने में सक्षम हो सकते हैं। इसमें मौजूद थाइमो क्वीनोन, थाइमॉल एंटी वायरल सिद्ध हुए हैं। यही नहीं इनमें एच-1 एन-1, एन-2 व एच सीवी जैसे वायरसों को नष्ट करने की क्षमता है। इसके साथ ही आप अगर जावित्री, लौंग व कपूर का भांप भी लेते हैं तो अपने श्वसन संस्थान से लेकर फेफड़े तक को वायरस से बचा सकते हैं।
चिकित्सा विज्ञान संस्थान, बीएचयू स्थित आयुर्वेद संकाय के कार्यवाहक डीन व द्रव्यगुण विभागाध्यक्ष प्रो. केएन द्विवेदी ने बताया कि कोरोना काल में आयुर्वेदिक औषधियों के माध्यम से हम अपने आपको कोरोना से लड़ने में सक्षम बना सके हैं। उन्होंने बताया कि भांप लेने से स्वसन संस्थान पूरी तरह शुद्ध हो जाता है। भाप सांस के रास्ते फेफड़े तक पहुंचता है। इसके कारण काफी राहत मिलती है।
मालूम हो कि प्रो. द्विवेदी अप्रैल 2020 में आयुष मंत्रालय की ओर से जारी कोविड-19 गाइड लाइंस बनाने वाले सदस्य में से मुख्य थे। उन्होंने केंद्रीय आयुष मंत्रालय के आयुष क्वाथ का मानकीकरण भी किया था। यह क्वाथ आज सभी कंपनिया बनाकर बाजार में उतार चुकी हैं। प्रो. द्विवेदी बताते हैं कि काढ़ा, भाप आदि लेने के बाद भी सरकार की ओर से जारी गाइड लाइन का पालन करना बहुत जरूरी है। खासकर मास्क एवं दो गज की शरीरिक दूरी। अगर जुकाम या हल्का बुखार हो तो सिर्फ अजवाइन का भी भांप ले सकते हैं।