वाराणसी में इलेक्ट्रिक वाहनों की बैट्री बनेगी समस्या, बैट्री निस्ताारण के लिए नहीं है कोई व्यवस्था

जल्द बैट्री निस्तारण के लिए योजना नहीं बनाई गई तो आने वाले दिनों में बड़ा संकट होगा। बड़े महानगरों में इलेक्ट्रिक वाहनों से निकलने वाली बैट्री बड़ी समस्या हो गई है। उसके निस्तारण को लेकर बड़े पैमानेे पर योजना बनाई जा रही है।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sat, 25 Sep 2021 09:38 PM (IST) Updated:Sat, 25 Sep 2021 09:38 PM (IST)
वाराणसी में इलेक्ट्रिक वाहनों की बैट्री बनेगी समस्या, बैट्री निस्ताारण के लिए नहीं है कोई व्यवस्था
जल्द बैट्री निस्तारण के लिए योजना नहीं बनाई गई तो आने वाले दिनों में बड़ा संकट होगा।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। वाहनों के धुएं से बढ़ते प्रदूषण को कम करने के लिए जिले में बैट्री चालित वाहनों पर ज्यादा जोर है लेकिन उन वाहनों से निकलने वाली बैट्री के निस्तारण के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। जल्द बैट्री निस्तारण के लिए योजना नहीं बनाई गई तो आने वाले दिनों में बड़ा संकट होगा। बड़े महानगरों में इलेक्ट्रिक वाहनों से निकलने वाली बैट्री बड़ी समस्या हो गई है। उसके निस्तारण को लेकर बड़े पैमानेे पर योजना बनाई जा रही है।

काशी पुराना शहर है। इसे गलियों का भी शहर कहा जाता है। घनी आबादी के चलते बड़े वाहन रफ्तार नहीं भर पाते हैं। इन वाहनों के धुओं से हवा दूषित हो चुकी है। सांस लेना मुश्किल हो गया है। लोग विभिन्न बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। एनजीटी ने आपत्ति जताते हुए संभागीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) को डीजल और पेट्रोल चालित वाहनों की संख्या कम करने के साथ सीएनजी व इलेक्ट्रिक वाहन संचालित करने की योजना बनाने को कहा है। स्कूली बसों के साथ आटो रिक्शा को सीएनजी में कन्वर्ट किया जा रहा है। परिवहन कार्यालय में पंजीकृत करीब 10 हजार इलेक्ट्रिक वाहन सड़कों पर दौड़ रहीं हैं लेकिन जिस रफ्तार से लोग इलेक्ट्रिक वाहन खरीद रहे हैं, आने वाले दिनों में इनकी संख्या बढ़ेगी लेकिन उसके सापेक्ष बैट्री निस्तारण के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। अभी वाहनों से निकलने वाली बैट्री लोग कबाड़ के रूप में बेच देते हैं। कुछ लोग खुले मैदान में फेंक देते हैं। आने वाले दिनों में यह संभव नहीं होगा।

बोले अधिकारी : महानगरों में इलेक्ट्रिक वाहनों के बैट्री निस्तारण को लेकर दिक्कत हो रही है। आने वाले दिनों में यह समस्या बनारस में होने से इंकार नहीं किया जा सकता है। इलेक्ट्रिक वाहनों से निकलने वाली बैट्री निस्तारण के लिए मुख्यालय और जिला प्रशासन से चर्चा कर योजना बनाई जाएगी। -सर्वेश चतुर्वेदी, एआरटीओ (प्रशासन)।

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