वाराणसी में उद्यमियों व व्यापारियों को ऋण देने में पिछड़ रहे Bank, कई कारणों से रूक जा रहे हैं आवेदन

कारोबार को बढ़ावा देने के सरकार नए एवं पुराने उद्यमियों व्यापारियों को हर संभव मदद कर रही है। इसके तहत प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना (एमयूएसवाइ) व एक जनपद एक उत्पाद (ओडीओडी) के तहत ऋण भी वितरित किया जा रहा है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Sat, 07 Nov 2020 08:10 AM (IST) Updated:Sat, 07 Nov 2020 09:53 AM (IST)
वाराणसी में उद्यमियों व व्यापारियों को ऋण देने में पिछड़ रहे Bank, कई कारणों से रूक जा रहे हैं आवेदन
निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष बहुत कम उद्यमियों को ऋण मिला है।

वाराणसी [मुकेश चंद्र श्रीवास्तव]। कारोबार को बढ़ावा देने के सरकार नए एवं पुराने उद्यमियों, व्यापारियों को हर संभव मदद कर रही है। इसके तहत प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी), मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना (एमयूएसवाइ) व एक जनपद एक उत्पाद (ओडीओडी) के तहत ऋण भी वितरित किया जा रहा है। इसके लिए उद्योग विभाग आवेदन लेकर बैंकों को भेज रहा है, लेकिन वहां पर तमाम आवेदन कोई न कोई कारण से रूक जा रहे हैं। यही वजह है कि निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष बहुत कम उद्यमियों को ऋण मिला है। हालांकि जिन्हें लोन मिला है वे अपने कारोबार को बढ़ा रहा हैं। सबसे ज्यादा ओडीओपी की स्थिति खराब है। ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि पांच माह में ही यह लक्ष्य कैसे पूरा कर लेंगे।

उपायुक्त, उद्योग वीरेंद्र कुमार ने बताया कि ऋण के लिए उनके विभाग में जितने भी आवेदन आए थे उन्हें संबंधित बैंकों को भेज दिया गया है। वहां से स्वीकृति मिलने के बाद ही आगे की प्रक्रिया शुरू की जाती है। बताया कि जिनको ऋण मिल गया है वे बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। हालांकि कोरोना के कारण कारोबार पर असर पड़ा हैं। वहीं अग्रणी जिला प्रबंधक मिथिलेश कुमार ने बताया कि अक्सर देखा जा रहा है कि लोग आनलाइन आवेदन तो कर रहे हैं लेकिन वे दूसरे ब्रांच में। बात में पता चलता है कि वे पहले से ही वहां डिफाल्टर हैं या उनकी यूनिट नहीं है। कई मामलों में देखा जा रहा है कि आवेदक पूर्ण दस्तावेज या तो दिखाता नहीं या फिर जमा नहीं करता। यही वजह है कि ऋण देने में रूकावट पैदा हो रही है।

ऋण से डिजिटल प्रिंटिंग मशीन खरीदी

सरकार की ओर से शुरू किए गए ओडीओपी (एक जनपद एक उत्पाद) के तहत ऋण पाकर अपने कारोबार को और आगे बढ़ाया है। बैंक की ओर से मिले लाखों रुपये ऋण से डिजिटल प्रिंटिंग मशीन खरीदी। ताकि वस्त्र उद्योग बहुत तेजी से आगे बढ़े।

- श्रुति अग्रवाल, हरि क्रिएशन केराकतपुर

अब साड़ी व सूट का कारोबार चल पड़ा

बैंक की ओर से मिले ऋण से कारोबार को आगे बढ़ाने में मदद मिलती है। इस लिए ऋण प्रक्रिया को आसान बनाना चाहिए। वैसे कोरोना काल में भी सरकार की ओर से इस तरह की बखूबी पहल हुई। अब साड़ी व सूट का कारोबार चल पड़ा है।

- अभिलाषा पोद्दार, महिला उद्यमी, चांदपुर औद्योगिक क्षेत्र

पीएमईजीपी

स्थिति            व्यक्ति    राशि

लक्ष्य             72       216.00 लाख

बैंक को भेजे    372      866.31 लाख

ऋण स्वीकृत     85       251.29 लाख

 ऋण जारी       58       165.46 लाख

एमयूएसवाइ

स्थिति            व्यक्ति    राशि

लक्ष्य             110     213.40 लाख

बैंक को भेजे    348      769.93 लाख

ऋण स्वीकृत     59       141.07 लाख

 ऋण जारी       38       95.14 लाख

ओडीओपी

स्थिति            व्यक्ति    राशि

लक्ष्य             150     375.00 लाख

बैंक को भेजे    379      826.43 लाख

ऋण स्वीकृत     65       202.13 लाख

 ऋण जारी       40       146.23 लाख

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