Bank Fraud : वाराणसी में बैंक से धोखाधड़ी मामले में आरोपित की जमानत अर्जी निरस्त

नकली जेवरात गिरवी रख बैंक से धोखाधड़ी कर 85 लाख रुपये लोन लेने के मामले में अदालत ने जेल में बंद आरोपित रवींद्र प्रकाश सेठ की जमानत अर्जी खारिज कर दी। जिला जज डा.अजय कृष्ण विश्वेश ने अपराध की गंभीरता को देखते हुए उसे जमानत देने से इन्कार कर दिया।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Tue, 14 Sep 2021 10:17 PM (IST) Updated:Tue, 14 Sep 2021 10:17 PM (IST)
Bank Fraud : वाराणसी में बैंक से धोखाधड़ी मामले में आरोपित की जमानत अर्जी निरस्त
वाराणसी में बैंक से धोखाधड़ी मामले में आरोपित की जमानत अर्जी निरस्त

जागरण संवाददाता, वाराणसी। नकली जेवरात गिरवी रख बैंक से धोखाधड़ी कर 85 लाख रुपये लोन लेने के मामले में अदालत ने जेल में बंद आरोपित रवींद्र प्रकाश सेठ की जमानत अर्जी खारिज कर दी। जिला जज डा.अजय कृष्ण विश्वेश ने अपराध की गंभीरता को देखते हुए उसे जमानत देने से इन्कार कर दिया। जमानत का विरोध जिला शासकीय अधिवक्ता आलोक चंद्र शुक्ल ने किया।

अभियोजन का आरोप था कि स्वर्ण ऋण योजना के तहत सागर कुमार मौर्या, शिवनारायण यादव, सूरज बिंद, राजेश कुमार मेहता, प्रतीक रस्तोगी, दीपा, नेहा श्रीवास्तव, लक्ष्मण सिंह व रवींन्द्र कुमार ने अर्दली बाजार स्थित केनरा बैंक में लोन के लिए आवेदन किया। इन सबों के साथ साजिश करके आदमपुर थानांतर्गत प्रहलाद घाट के भारद्वाजी टोला निवासी मूल्यांकनकर्ता रविंद्र प्रकाश सेठ ने उन सबों द्वारा जमा किए गए नकली स्वर्ण को असली बताया और इसके समर्थन में स्वर्ण की प्रामाणिकता का प्रमाणपत्र भी दे दिया। बाद में बैंक ने आवेदन करने वाले इन सबों को लगभग 85 लाख लोन दे दिया। दो अगस्त 2021 को बैंक में विभिन्न स्वर्ण खातों में बंधक स्वर्ण की जांच दूसरे मूल्यांकनकर्ता द्वारा कराई गई तो मामला उजागर हो गया। पुलिस ने रवींद्र प्रकाश सेठ को गिरफ्तार कर जेल भेज दी। रवींद्र प्रकाश 22 अगस्त से जेल में बंद है।

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