गलत आइडी पर ई टिकट बनाकर सफर कर रहे थे बांग्लादेशी, दिल्ली से साउथ अफ्रीका जाने की थी योजना

नई दिल्ली-सियालदह राजधानी से स्थानीय जंक्शन से हिरासत में लिए गए चार संदिग्धों के तार विदेशों से जुड़ने लगे हैं। जांच में पता चला कि गलत आइडी पर ई टिकट बनाकर बांग्लादेशी सफर कर रहे थे। 25 अक्टूबर को ही सभी साउथ अफ्रीका जाने के फिराक में थे।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 08:52 PM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 08:52 PM (IST)
गलत आइडी पर ई टिकट बनाकर सफर कर रहे थे बांग्लादेशी, दिल्ली से साउथ अफ्रीका जाने की थी योजना
गलत आइडी पर ई टिकट बनाकर सफर कर रहे थे बांग्लादेशी

जागरण संवाददाता, चंदौली। नई दिल्ली-सियालदह राजधानी से स्थानीय जंक्शन से हिरासत में लिए गए चार संदिग्धों के तार विदेशों से जुड़ने लगे हैं। जांच में पता चला कि गलत आइडी पर ई टिकट बनाकर बांग्लादेशी सफर कर रहे थे। 25 अक्टूबर को ही सभी साउथ अफ्रीका जाने के फिराक में थे लेकिन, हवाई अड्डे पर इमीग्रेशन चेक में समस्या आ गई, इसलिए नहीं जा सके और वापस सियालदह जा रहे थे। इन्होंने कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर भारतीय पासपोर्ट बनवाया था। बांग्लादेशी व म्यांमार के नागरिकों का मुस्लिम नाम बदलकर विदेश भेजने का काम चल रहा है। संदिग्धों से एटीएस ने पूछताछ की तो मामले का खुलासा हुआ। एजेंसियां अब इस खेल की तह तक जांच करेंगी।

सोमवार को कानपुर एटीएस टीम को जानकारी मिली थी कि नई दिल्ली-सियालदह राजधानी में कुछ संदिग्ध यात्रा कर रहे हैं। इसके बाद टीम सड़क मार्ग से रात में 11 बजे जंक्शन पर पहुंच गई थी। ट्रेन रात में 1.30 बजे प्लेटफार्म दो पर आई थी। ट्रेन के रुकते ही एटीएस की टीम बी-1 कोच के बर्थ संख्या 25, 26, 27 व 28 पर सफर कर रहे संदिग्ध बापी राज, पिंटू राज, मिथुन मंडल व रोनी पाल को धर दबोचा। गिरफ्तार किए गए चार लोगों में से एक मिथुन मंडल पश्चिम बंगाल के वर्धमान जिले का निवासी है जबकि बाकी तीन बांग्लादेशी मेहंदी हसन, मोहम्मद शाउन व मोमिनुर इस्लाम है। तीनों का नाम बदलकर बापी राज, पिंटू राज व रोनी पाल कर दिया गया था। बीते दिनों कानपुर में कुछ संदिग्धों के हिरासत में लेने के बाद बांग्लादेशियों के बारे में जानकारी हुई थी।

गलत ई-टिकट की रेलवे करेगा जांच

गलत ई-टिकट पर सफर कर रहे बांग्लादेशियों के पकड़े जाने के बाद रेलवे के भी हाथ पांव फूलने लगे हैं। रेलवे का टिकट बनाने के दरम्यान हर जानकारी मांगी जाती है। कोरोना काल के बाद तो यह भी पूछा जाने लगा कि स्टेशन से उतरकर कहां जाना है। अब सवाल यह उठता है कि इतनी जानकारी लेने के बावजूद गलत आईडी पर ई-टिकट कैसे बना दिया गया है। अब रेलवे भी गलत ई टिकट की जांच करेगा।

chat bot
आपका साथी