वाराणसी के दुर्गा पंडालों में बंगीय समाज ने की संधि पूजा, गीत-संगीत और दीपों से छलका उल्‍लास

देवी महागाैरी के पूजन के दौरान पंडालों में सुबह से ही रौनक रही। काश्‍ाी की मिनी बंगाल के तौर पर भी पहचान रही है। बंगीय परंपराओं के लिहाज से महाअष्‍टमी के मौके पर दुर्गा पंडालों में बंगीय परंपरा के अनुसार संधि पूजा का आयोजन किया गया।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sat, 24 Oct 2020 12:29 PM (IST) Updated:Sat, 24 Oct 2020 12:29 PM (IST)
वाराणसी के दुर्गा पंडालों में बंगीय समाज ने की संधि पूजा, गीत-संगीत और दीपों से छलका उल्‍लास
महाअष्‍टमी के मौके पर दुर्गा पंडालों में बंगीय परंपरा के अनुसार संधि पूजा का आयोजन किया गया।

वाराणसी, जेएनएन। नवरात्र पर दुर्गा पूजा के दौरान आठवें दिन देवी महागाैरी के पूजन के दौरान पंडालों में सुबह से ही रौनक रही। काश्‍ाी की मिनी बंगाल के तौर पर भी पहचान रही है। बंगीय परंपराओं के लिहाज से महाअष्‍टमी के मौके पर दुर्गा पंडालों में बंगीय परंपरा के अनुसार संधि पूजा का आयोजन किया गया। इस दौरान दुर्गा पंडालों में मां की प्रतिमा के सामने संधि पूजा का विधि विधान से आयोजन किया गया।

महाअष्‍टमी के माैके पर बंगीय समाज की महिलाओं ने सुबह दुर्गा पंडालों में जाकर मां दुर्गा की पूजा करने के बाद गीत संगीत की महफ‍िल सजायी और ढोल मजीरे की थापों से पंडाल गमकने लगे। हर हर महादेव के साथ ही शक्तिस्‍वरूपा के जयकारों के साथ ही दीपों से आरती की गई। विभिन्‍न दुर्गा पंडालों में दीपों के सजाने का क्रम शुरू हुआ तो संधि पूजन के दौरान बंगीय गीतों और वाद्य यंत्राें पर धुनों ने लोगों का मन मोह लिया।

वहीं सुबह दुर्गाकुंड स्थित कबीर नगर में बंगीय समाज की ओर से आयोजित सर्बोजोनिन दुर्गा समिति की ओर से संधि पूजा के आयोजन में महिलाओं ने दीप जलाकर आरती संग मां की पूजा कर गीत और संगीत के साथ मां के प्रति आस्‍था प्रकट किया।

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