बीएचयू संज्ञाहरण विभाग में सीनियर रेजिडेंट की नियुक्ति पर रोक, शल्‍य तंत्र में समाहित करने की मांग

बीएचयू के ही पूर्व विद्यार्थी डा. पीएस पांडेय ने सीसीआइएम (भारतीय चिकित्सा केंद्रीय परिषद) के सात नवंबर 2016 के उस गजट का हवाला देते हुए संज्ञाहरण विभाग को बंद करने की मांग की थी जिसमें कहा गया है कि इस विषय को शल्य तंत्र में समाहित कर लिया जाए।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Fri, 25 Jun 2021 10:03 AM (IST) Updated:Fri, 25 Jun 2021 10:03 AM (IST)
बीएचयू संज्ञाहरण विभाग में सीनियर रेजिडेंट की नियुक्ति पर रोक, शल्‍य तंत्र में समाहित करने की मांग
गजट का हवाला देते हुए संज्ञाहरण विभाग को बंद करने की मांग की थी।

वाराणसी, जेएनएन। पूर्वांचल के एम्स कहे जाने वाले चिकित्सा विज्ञान संस्थान, बीएचयू के संज्ञाहरण विभाग में सीनियर रेजिडेंट की नियुक्ति पर रोक लग गई है। विभाग में संज्ञाहरण की सीटों को लेकर दैनिक जागरण ने 23 जून के अंक में पेज नंबर चार पर :आयुर्वेद संकाय में बढ़ाई जाएंगी चार सीटें, संज्ञाहरण विभाग की सीटों पर फंसा पेच अैर मामले ने पकड़ा तूल, सीसीआइएम से शिकायत: शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। इसके बाद संस्थान प्रशासन ने इसे संज्ञान में लेते हुए एसआर की गुरुवार को एसआर की नियुक्ति पर रोक लगाने संबंधी नोटिफिकेशन जारी किया।

मालूम हो कि बीएचयू के ही पूर्व विद्यार्थी डा. पीएस पांडेय ने सीसीआइएम (भारतीय चिकित्सा केंद्रीय परिषद) के सात नवंबर 2016 के उस गजट का हवाला देते हुए संज्ञाहरण विभाग को बंद करने की मांग की थी जिसमें कहा गया है कि इस विषय को शल्य तंत्र में समाहित कर लिया जाए। कारण कि संज्ञाहरण विभाग में 100 प्रतिशत एलोपैथ अंग्रेजी की दवाओं का भरपूर उपयोग हो रहा था, बेहोशी के लिए कोई आयुर्वेदिक दवा नहीं होती है। ऐसे में यह विषय आयुर्वेद की मूल उद्देश्य और परंपरा को नष्ट कर रहा था।

डा. पीएस पांडेय ने इस संबंध में बीएचयू के कुलपति, आइएमएस के निदेशक, के साथ ही मंत्रालय एवं सीसीआइएम से शिकायत की थी। बताया था कि 31 जनवरी 2017 को सीसीआइएम ने देश के सभी आयुर्वेदिक कालेज के प्रधानाचार्यों को यह स्पष्ट करते हुये भेजा कि अब आप उन पोस्ट ग्रेजुएट विषयों में आगामी 2017-18 सत्र से एडमिशन नहीं लेंगे जिनमें पोस्ट ग्रेजुशन बंद कर दिया गया है। इसके बाद बीएचयू में पीजी में दाखिला तो बंद कर दिया गया लेकिन डिप्लोमा कोर्स संचालित किया जा रहा है। डा. पांडेय ने पिछले दिनों नियुक्ति को लेकर निकले विज्ञापन के बाद संज्ञाहरण विभाग में रेजिडेंट डाक्टर की नियुक्ति पर रोक लगाने की भी मांग की थी।

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