बलिया में बाढ़ के पानी से घिरे गई गांव, नदियों में उफान से तबाही के मिल रहे संकेत

बलिया में बाढ़ के पानी से कई गांव घिर गए हैं। इससे बड़ी आबादी पर संकट मंडराने लगा है। बाढग़्रस्त क्षेत्रों में प्रशासन की ओर से नाव लगाने की स्वीकृति न दिए जाने से लोगों के आक्रोश हैं।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Sun, 09 Aug 2020 01:10 AM (IST) Updated:Sun, 09 Aug 2020 02:46 PM (IST)
बलिया में बाढ़ के पानी से घिरे गई गांव, नदियों में उफान से तबाही के मिल रहे संकेत
बलिया में बाढ़ के पानी से घिरे गई गांव, नदियों में उफान से तबाही के मिल रहे संकेत

बलिया, जेएनएन। बाढ़ के पानी से कई गांव घिर गए हैं। इससे बड़ी आबादी पर संकट मंडराने लगा है। बाढग़्रस्त क्षेत्रों में प्रशासन की ओर से नाव लगाने की स्वीकृति न दिए जाने से लोगों के आक्रोश है। तबाही झेल रहे लोग खुद से ही नाव का इंतजाम कर किसी तरह गुजारा कर रहे हैं। टीएस बंधा के उत्तर नवकागांव के पासवान बस्ती, देवपुर मठिया का दलित बस्ती, धूपनाथ और बैजनाथ यादव के डेरा गांव बाढ़ के पानी से पांच दिनों से घिरे हुए हैं, लेकिन अभी तक कोई जिम्मेदार अधिकारी उनकी परेशानी देखने नहीं पहुंचा।

नवकागांव के प्रधान प्रतिनिधि प्रदीप कुमार पासवान ने बताया कि लेखपाल के कहने पर उन्होंने बाढ़ से घिरे लोगों के लिए पांच नावों को लगाया हैं लेकिन नाविकों को उनकी मजदूरी देने में भी सरकारी तंत्र इनकार कर रहा है। डिमांड करने पर बैरिया तहसीलदार की ओर से कहा जा रहा है कि अभी जिला बाढ़ प्रभावित घोषित नहीं किया गया है। जब तक इसके लिए धन आवंटित नहीं किया जाता, नाव की स्वीकृति नहीं दी जा सकती।

इसी क्रम में पूर्व विधायक जयप्रकाश अंचल ने दतहां से लेकर डेंजर जोन तिलापुर सहित देवपुर मठिया रेगुलेटर तक बंधा का दौरा कर बाढ़ से घिरे गांवों का जायजा लिया और व्यवस्था पर सवाल उठाए। कहा कि बाढ़ क्षेत्र में लोग तबाही से गुजर रहे हैं लेकिन जिला प्रशासन की ओर से कोई सुविधा नहीं दी जा रही है।

17 सेंमी और नीचे खिसकी सरयू, खतरा बरकरार

22 वर्ष बार सबसे ज्यादा रिकार्ड रफ्तार में बढऩे के बाद सरयू धीरे-धीरे नरम हो रही है। शनिवार को भी नदी पिछले 24 घंटे में 17 सेंटीमीटर नदी नीचे खिसक गई है। बावजूद नदी किनारे खतरा बरकरार है। जलस्तर अब भी खतरा निशान से 99 सेंमी ऊपर है। केंद्रीय जल आयोग अधिकारियों के अनुसार तुर्तीपार हेड पर नदी का जलस्तर शनिवार दोपहर खतरा निशान 64.01 मी. के सापेक्ष 65.000मी. दर्ज किया गया। नदी के जलस्तर में घटाव के बावजूद तटवर्ती इलाकों में बाढ़ का दबाव कम नहीं हो रहा है।

ककरघट्टी का नावट नंबर दो जलमग्न

सरयू नदी के बाढ़ के पानी से मनियर बस स्टैंड से सटे कस्बा सहित सरवार ककरघट्टी ग्राम पंचायत का नावट नंबर दो गांव पूरी तरह से जलमग्न है। यह गांव गंगापुर पोखरे से सटा हुआ है। घर के छत पर लोग शरण लिए हुए हैं। गांव के टीमल, रामजीत, बहादुर राम, सुदामा, मैनेजर, गोरख, मुन्ना, काशीनाथ, हीरालाल, दहारी, सामी,  उमा सुखारी आदि ने बताया कि हम लोगों का जीवन नरक बन गया है लेकिन हमारी सुधि लेने वाला कोई नहीं है।

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