उमाशंकर सिंह के बहाने बसपा में बलिया का दबदबा, सभी प्रमुख दलों ने किया जिले के नेताओं का सम्मान

प्रदेश के अंतिम छोर पर स्थित बलिया में सभी दल के शीर्ष नेताओं की विशेष नजर है। विधान सभा चुनाव को देखते हुए कई बदलाव भी इस जिले में दिख रहे हैं। खास बात यह कि सभी प्रमुख दलों में जनपद के नेताओं का दबदबा कायम है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Fri, 26 Nov 2021 05:31 PM (IST) Updated:Fri, 26 Nov 2021 05:31 PM (IST)
उमाशंकर सिंह के बहाने बसपा में बलिया का दबदबा, सभी प्रमुख दलों ने किया जिले के नेताओं का सम्मान
उमाशंकर सिंह के बहाने बसपा में बलिया का दबदबा

बलिया, जागरण संवाददाता। प्रदेश के अंतिम छोर पर स्थित बलिया में सभी दल के शीर्ष नेताओं की विशेष नजर है। विधान सभा चुनाव को देखते हुए कई बदलाव भी इस जिले में दिख रहे हैं। खास बात यह कि सभी प्रमुख दलों में जनपद के नेताओं का दबदबा कायम है। पिछले विधान सभा चुनाव के बाद सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बांसडीह विधान सभा से आठवीं बार विधायक बने रामगोविंद चौधरी को नेता प्रतिपक्ष बनाया तो जनपद के लोगों के खुशी का ठिकाना नहीं रहा। अब बहुजन समाज पार्टी ने रसड़ा के विधायक उमाशंकर सिंह को बसपा विधानमंडल दल का नेता चुना है, इससे एक बार फिर जनपद के लोग गदगद हैं। इस कड़ी में भाजपा भी पीछे नहीं है। पार्टी ने फेफना के विधायक उपेंद्र तिवारी और सदर के विधायक आनंद स्वरूप शुक्ल को सरकार में मंत्री बनाया है। जनपद में सात विधान सभा है। पिछले चुनाव में बैरिया, सदर, फेफना, सिकंदरपुर और बिल्थरारोड सहित कुल पांच सीटों पर भाजपा ने विजय हासिल किया है वहीं रसड़ा सीट को बसपा के उमाशंकर सिंह बचाने में सफल रहे। बांसडीह में सपा के रामगोविंद चौधरी सफल रहे।

रसड़ा से दूसरी बार विधायक हैं उमाशंकर

रसड़ा से उमाशंकर सिंह पहली बार 2012 में विधायक बने थे। पिछले विधान सभा में भी वहां की जनता ने मोदी लहर में भी उन्हें विधायक बनाया। बसपा जिलाध्यक्ष जितेंद्र कुमार भारती ने कहा कि मायावती ने रसड़ा के विधायक काे विधान मंडल का नेता बनाकर पूरे जनपद का सम्मान किया है, इसके लिए जनपद की ओर से बधाई देता हूं।

सरकार की जनविरोधी नीतियों का करेंगे विरोध

विधायक उमाशंकर सिंह ने बताया कि बसपा राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दी है, इसे वह पूरे मन से पूरा करने की कोशिश करेंगे। सरकार की जनविरोधी नीतियों का सड़क से लेकर सदन का विरोध करेंगे। प्रदेश की राजनीति में सक्रिय भूमिका होगी। पूर्वांचल के लिए खास रणनीति के साथ विधानसभा चुनाव में उतरेंगे।

chat bot
आपका साथी