आजमगढ़ के शिवरतन ने छह इंच के प्लेट पर बनाया 52 पीस का डिनर सेट, हस्तशिल्प मेले में बना आकर्षण

हुनर किसी की मोहताज नहीं होता है। सफलता इंसान को मेहनत करने के बाद ही मिलती है जिसकी कोई सीमा नहीं होती है। कलाकार हमेशा अपने दिन की सुनते हैं और दिल की ही करते हैं। कला को जितनी आजादी मिलती है उसमें उतना ही निखार आता है।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sun, 21 Mar 2021 08:40 AM (IST) Updated:Sun, 21 Mar 2021 08:40 AM (IST)
आजमगढ़ के शिवरतन ने छह इंच के प्लेट पर बनाया 52 पीस का डिनर सेट, हस्तशिल्प मेले में बना आकर्षण
बहादुरगढ़ में 19 से 25 मार्च तक आयोजित हस्तशिल्प मेेले में लोगों का आकर्षित कर रहा है।

आजमगढ़ [अनिल मिश्र]। हुनर किसी की मोहताज नहीं होता है। सफलता इंसान को मेहनत करने के बाद ही मिलती है, जिसकी कोई सीमा नहीं होती है। कलाकार हमेशा अपने दिन की सुनते हैं और दिल की ही करते हैं। कला को जितनी आजादी मिलती है, उसमें उतना ही निखार आता है। कोरोना काल में कुछ ऐसा ही कर दिखाया आजमगढ़ के निजामाबाद की विश्व प्रसिद्ध हस्तशिल्पी शिवरतन प्रजापति ने। उन्होंने छह इंच के प्लेट पर 52 पीस का डिनर सेट बनाकर लोगों को आश्चर्यचकित कर दिया है। उनका का यह हुनर इस समय हरियाणा के झज्जर जिले के बहादुरगढ़ में 19 से 25 मार्च तक आयोजित हस्तशिल्प मेेले में लोगों का आकर्षित कर रहा है।

प्राचीन कारीगर एसोसिएशन व रूरल एंड अर्बन डेवलेपमेंट फाउंडेशन की तरफ से बहादुरगढ़ में हुनर का प्रदर्शन कर रहे शिवरतन प्रजापति 1987 में राष्ट्रपति पुरस्कार से संयुक्त रूप से सम्मानित माटीकला के हुनरमंद राजेंद्र प्रसाद प्रजापति व कल्पा देवी के पुत्र हैं, जिन्हें कई पुरस्कार मिले चुके हैं। आयोजनों में उन्हें सम्मानित भी किया जा चुका है। 

सूक्ष्म कलाकृति बनाने के माहिर 

माचिस की तीली पर 14 मिट्टी के बर्तन (पाटरी मिनीएचर) बना कर रिकार्ड का दावा कर शिवरतन प्रजापति ने छह इंच के प्लेट में 52 पीस डिनर सेट बनाकर अपनी कला का एक और अद्भुत नमूना प्रस्तुत किए हैं। कई वर्षों से पाटरी के सूक्ष्म कलाकृति को बनाने के लिए मेहनत कर रहे हैं।

बोले हस्‍तशिल्‍पी

ब्‍लैक पाटरी के सामान्य उत्पाद से अलग हटकर कुछ नया करने की सोच हमेशा रही है, जो जारी है। ओडीओपी में चयनित होने के बाद ब्लैक उत्पाद से जुड़े हस्तशिल्पियों के कारोबार में वृद्धि हुई है। आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है। हालांकि बाजार मुहैया कराने के लिए अभी बहुत किया जाना बाकी है, जिसके लिए सरकार प्रयासरत भी है। -शिवरतन प्रजापति, हस्तशिल्पी, निजामाबाद।

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