ड्रोन कैमरे से होगी आजमगढ़ जेल की निगहबानी, संवेदनशील जेल में निरुद्ध बंदियों पर नजर रखने के लिए शासन से मिला अस्त्र

प्रदेश के अतिसंवेदनशील जेलों में शामिल आजमगढ़ जिला कारागार में निरुद्ध बंदियों की अब ड्रोन कैमरे से निगहबानी की जाएगी। निगहबानी के लिए शासन स्तर से मिले मिले ड्रोन कैमरे का जेल प्रशासन ने ट्रायल भी कर लिया है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Sun, 13 Jun 2021 03:45 PM (IST) Updated:Sun, 13 Jun 2021 05:40 PM (IST)
ड्रोन कैमरे से होगी आजमगढ़ जेल की निगहबानी, संवेदनशील जेल में निरुद्ध बंदियों पर नजर रखने के लिए शासन से मिला अस्त्र
आजमगढ़ जिला कारागार में निरुद्ध बंदियों की अब ड्रोन कैमरे से निगहबानी की जाएगी।

आजमगढ़, जेएनएन। प्रदेश के अतिसंवेदनशील जेलों में शामिल आजमगढ़ जिला कारागार में निरुद्ध बंदियों की अब ड्रोन कैमरे से निगहबानी की जाएगी। निगहबानी के लिए शासन स्तर से मिले मिले ड्रोन कैमरे का जेल प्रशासन ने ट्रायल भी कर लिया है।

बता दें कि प्रदेश के 17 अतिसंवेदनशील जेलों में आजमगढ़ जिला कारागार भी शामिल है। अभी बीते माह लखनऊ में मऊ जिले के मोहम्दाबाद गोहना के पूर्व ज्येष्ठ प्रमुख अजीत सिंह की हुई हत्या का ताना-बाना आजमगढ़ जेल में निरुद्ध कुख्यात अपराधियों द्वारा बुना गया था। इस बात की पुष्टि होने पर शासन से लेकर जेल प्रशासन तक हड़कंप मच गया था। जेल के अंदर से अपराधियों द्वारा अपराधिक गतिविधियों का षड्यंत्र रचे जाने का मामला हमेशा खबरों की सुर्खियां बना रहता है। बीते वर्ष जिला कारागार में निरुद्ध बंदियों ने जमकर हंगामा व तोड़फोड़ के साथ आगजनी भी की थी। इस घटना के बाद से ही जेल में निरुद्ध बंदियों के अलावा जेल परिसर के अंदर से लेकर बाहर तक की हर गतिविधियों पर नजर रखने के लिए जेल प्रशासन ड्रोन कैमरा के साथ ही उच्च तकनीकी के सीसीटीवी कैमरे के लिए शासन को पत्र भी लिखा था।

जेल प्रशासन की मांग पर शासन ने उच्च क्षमता वाला एक ड्रोन कैमरा मुहैया करा दिया। ड्रोन कैमरा मिलने से पूर्व जिला कारागार आजमगढ़ के दो बंदी रक्षकों को प्रशिक्षण देने के लिए कारागार मुख्यालय लखनऊ बुलाया गया था। कारागार मुख्यालय लखनऊ गए दोनों बंदी रक्षकों को ड्रोन कैमरे के हर तकनीक से प्रशिक्षित कराया गया।प्रशिक्षण लेने के बाद लखनऊ से दोनों बंदी रक्षक ड्रोन कैमरा लेकर शनिवार को आजमगढ़ जिला कारागार आ गए। यहां आने के बाद जेल अधिकारी के समक्ष उन्होंने शनिवार व रविवार को ड्रोन कैमरा को उड़ाकर उसका सफल ट्रायल भी दिखाया।

वरिष्ठ जेल अधीक्षक विनोद कुमार ने बताया कि शासन से मिले ड्रोन कैमरे की क्षमता लगभग दो किलोमीटर की परिधि की है। उन्होंने कहा कि ड्रोन कैमरे से जेल के अंदर से लेकर लगभग दो किलोमीटर के क्षेत्रफल में हर गतिविधियों पर एक जगह से ही नजर रखी जा सकती है।ड्रोन कैमरे के कंट्रोलिंग के लिए जेल परिसर के कार्यालय में ही एक कंट्रोल रूम बनाया गया है। कंट्रोल रूम में लगे टीवी की एक बड़ी स्क्रीन पर हर गतिविधि को देखा जा सकता है।

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