Ayurvedic Medicine गर्मी में जिन औषधियों को कोई पूछता नहीं था उनकी बिक्री 50 फीसद बढ़ गई, जानिए क्यों
Ayurvedic Medicine कोरोना महामारी ने हर किसी की जीवनशैली में बदलाव ला दिया है। गर्मी में जिन आयुर्वेदिक औषधियों को कोई पूछता नहीं था उनकी भी बिक्री 50 फीसद तक बढ़ गई है।
वाराणसी, [मुकेश चंद्र श्रीवास्तव]। Ayurvedic Medicine कोरोना महामारी ने हर किसी की जीवनशैली में बदलाव ला दिया है। रहन-सहन बदल गया तो बाजार का ट्रेंड भी। इसका ही असर है कि गर्मी में जिन आयुर्वेदिक औषधियों को कोई पूछता नहीं था उनकी भी बिक्री 50 फीसद तक बढ़ गई है। खासकर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली आयुर्वेदिक औषधियां यानी तुलसी, आंवला गिलोय, दालचीनी, अश्वगंधा से तैयार रस, टेबलेट व पाउडर का महत्व लोगों की समझ में आने लगा है।
नगर के सप्तसागर दवा मंडी समेत अन्य इलाकों में आयुर्वेदिक दवाओं की थोक दुकानों से न सिर्फ पूर्वांचल वरन बिहार के भी कुछ हिस्सों में दवाओं की आपूर्ति होती है। कोरोना संकट में भी यहां से प्रति माह 10 करोड़ की औषधियां बिक रहीं हैं। अन्य वर्षों में इन औषधियों की बिक्री पांच से दस फीसद तक ही होती थी, जो अब बढ़कर 50 फीसद तक हो गई है। इस बढ़ती मांग को देखते हुए कंपनियों ने बिक्री बढ़ाने वाली योजनाओं पर रोक लगा दिया। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी लॉकडाउन के दौरान अपने संबोधन में औषधियों, काढ़ा से प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का जिक्र कर आयुर्वेदिक दवाओं के बाजार को संजीवनी दे दी।
काढ़ा बनाने की विधि
काढ़ा काली मिर्च, दाल चीनी, सौंठ आदि से तैयार किया जाता है। इसमें मुनक्का व नींबू का रस भी डाला जाता है। इसका नियमित उपयोग रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मददगार होता है। वहीं, दूध में हल्दी डालकर पीना भी लाभकारी है।
इनका कहना है....
केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज खन्ना का कहना है कि सप्तसागर मंडी में आयुर्वेदिक औषधियों का भी बड़ा कारोबार है। बिक्री में इजाफा हुआ है। लगभग सभी बड़ी कंपनियों के प्रोडक्ट यहां है। आयुर्वेदिक औषधि विक्रेता आनंद कुमार ने बताया कि मंडी में अचानक ही तुलसी ड्राप, गिलोय आदि की बिक्री 30 से 50 फीसद तक बिक्री बढ़ गई है। प्रमुख आयुर्वेदिक औषधि कारोबारी गिरधर दास अग्रवाल ने बताया कि मांग बढऩे से कंपनियों ने कम मजदूर आने का हवाला देकर उत्पादन गिराने संग स्कीम भी बंद कर दिया हैै। इस कारण छूट नहीं दी जा रही है। वाराणसी किराना व्यापार समिति के अध्यक्ष मनोज पांडेय ने बताया कि काली मिर्च, दाल चीनी, आजवाइन, हल्दी आदि की बिक्री अचानक बढ़ गई है। वहीं, रेट में कम हुई है। वाराणसी किराना व्यापार समिति के महामंत्री अशोक कसेरा के मुताबिक किराना एवं मसाले की सामग्री बाहर से आती है। लॉकडाउन में दुकानें बंद थी। अब भी किसी सामान का रेट नहीं बढ़ा है।
इस दर से हो रही बिक्री (रेट रुपये प्रतिकिलो में)
सामग्री वर्तमान पुराना रेट
काली मिर्च 350 400-425
दाल चीनी 250 310-320
लौंग 400 550-600
हल्दी खड़ी 70 90-95