आयुर्वेद संकाय-बीएचयू के संज्ञाहरण विभाग के मामले ने पकड़ा तूल, सीसीआइएम से शिकायत
भारतीय चिकित्सा केंद्रीय परिषद सीसीआइएम ने सात नवंबर 2016 को एक गजट नोटिफिकेशन जारी करके जिन 22 विषयों में परास्नातक डिग्री दी जा रही थी को घटाकर 17 विषयों में सीमित कर दिया उसमें बीएचयू में संचालित संज्ञाहरण भी था।
वाराणसी, जेएनएन। भारतीय चिकित्सा केंद्रीय परिषद, सीसीआइएम ने सात नवंबर 2016 को एक गजट नोटिफिकेशन जारी करके जिन 22 विषयों में परास्नातक डिग्री दी जा रही थी को घटाकर 17 विषयों में सीमित कर दिया, उसमें बीएचयू में संचालित संज्ञाहरण भी था। इस नोटिफिकेशन में यह स्पष्ट किया गया कि इस विषय को शल्य तंत्र में समाहित कर लिया जाय और स्वतः यह विभाग बंद हो जाएगा। कारण कि इस विभाग में 100 प्रतिशत एलोपैथ अंग्रेजी की दवाओं का भरपूर उपयोग हो रहा था, बेहोशी के लिए कोई आयुर्वेदिक दवा नहीं होती है और यह विषय आयुर्वेद की मूल उद्देश्य और परंपरा को नष्ट कर रहा था। हालांकि यहां पर संज्ञाहरण विभाग ने एमडी की अपनी दो सीटें दूसरे विभाग को देने से मना कर दिया है। वैसे इस मामले में बीएचयू के पूर्व विद्यार्थी डा. पीएस पांडेय ने मंत्रालय से लेकर विश्वविद्यालय के कुलपति से शिकायत कर इस विभाग को बंद करने की मांग की है।
डा. पांडेय ने बताया है कि इस मामले में सीसीआइएम ने पुनः इसकी सूचना के लिए एक पत्र 31 जनवरी 2017 को देश के सभी आयुर्वेदिक कालेज के प्रधानाचार्यों को यह स्पष्ट करते हुये भेजा कि अब आप उन पोस्ट ग्रेजुएट विषयों में आगामी 2017-18 सत्र से एडमिशन नहीं लेंगे जिनमें पोस्ट ग्रेजुशन बंद कर दिया गया है।
काशी हिन्दू विश्व विद्यालय के आयुर्वेद संकाय के संज्ञाहरण विभाग ने 2017 से पोस्ट ग्रेजुशन संज्ञाहरण में प्रवेश बंद कर दिया, लेकिन डिग्री कोर्स सीसीआइएम के द्वारा बंद करने के बाद भी आयुर्वेद संकाय का संज्ञाहरण विभाग कोर्स चला रहा है। यह एक तरह का घोटाला है। कारण कि छात्रों के भविष्य को दांव पर रखकर हजारों रुपये शुल्क के नाम पर लिया जा रहा है।
इससे पहले सीसीआइएम ने 14 जुलाई 2010 और 2013 में एक गजट नोटिफिकेशन से आयुर्वेद में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा हेतु नियमावली तय की थी जो की कानून सम्मत थी। इस नियमावली की धारा 13 और 17 यह स्पष्ट करती है कि पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा उन्ही विषयों में खोला या चला सकते हैं जिसमें संस्थान को उस उस विषय में पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री कोर्स चलाने की मान्यता हो। संज्ञाहरण विषय की पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री कोर्स को 2016 में सीसीआइएम ने बंद कर दिया तो संज्ञाहरण विभाग 2017 से अब तक संज्ञाहरण विषय में डिप्लोमा कोर्स कैसे चला रहा है। डा. पांडेय ने इस पूरे मामले में जांच कराकर कार्रवाई की मांग की है। पांडेय ने सोमवार को भी इस बारे में ट्वीट कर शिकायत की है।