अयोध्या में प्रस्तावित धर्मसभा के लिए जुलूस के दौरान बवाल, जमकर चले ईंट-पत्थर
अयोध्या में धर्मसभा को लेकर विहिप द्वारा मुकेरी बाजार इलाके में निकाले जा रहे जुलूस के दौरान हुई कहासुनी मारपीट में बदल गई, इस दौरान जमकर ईंट-पत्थर चले।
मीरजापुर, जेएनएन । अयोध्या में धर्मसभा को लेकर विहिप द्वारा शहर के मुकेरी बाजार इलाके में निकाले जा रहे जुलूस के दौरान हुई कहासुनी मारपीट में बदल गई। कुछ ही देर में दोनों समुदायों के बीच जमकर पत्थरबाजी होने लगी। इससे आसपास की दुकानें धड़ाधड़ बंद हो गईं आैर शहर में यह सूचना आग की तरह फैली। कुछ ही देर बार संगमोहाल क्षेत्र में भी बवाल की वजह से दुकानें बंद होने लगीं। दोनों पक्षों के बीच बढ़ते तनाव की सूचना पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया। देर रात तक माैके पर तनाव बरकरार रहा और एक पक्ष के लोग नारेबाजी करते रहे।
मंगलवार की शाम करीब पांच बजे विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता धर्मध्वजा के साथ अयोध्या में आयोजित होने वाली धर्मसभा के लिए जुलूस निकाल रहे थे। जुलूस जैसे ही गुड़हट्टी चौराहे से मुकेरी बाजार की ओर घूमा, वहां पहले से सड़क पर दूसरे समुदाय की ओर से हुई सजावट से ध्वजा टकरा गई और कुछ लाइटें टूट गईं। दूसरे समुदाय के लोगों ने इसका विरोध किया तो दोनों पक्षों के बीच कहासुनी होने लगी। बात बढ़ते-बढ़ते मारपीट तक पहुंच गई और दोनों पक्षों के कुछ लोग आपस में भिड़ गए। इससे वहां अफरा-तफरी मच गई और इसी बीच पास की गलियों से पत्थरबाजी होने लगी। इसके बाद दोनों पक्षों से ईंट व पत्थर फेंके जाने लगे जिससे कई लोगों को चोटें आईं। बवाल बढ़ता देख कटरा कोतवाली व देहात कोतवाली की पुलिस माैके पर पहुंची आैर पत्थरबाजी कर रहे लोगों को खदेड़ना शुरू किया। इसके बाद वहां पत्थरबाजी बंद हो सकी। पुलिस ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी है आैर घटनास्थल वाली सड़क पर आवागमन रोककर स्थिति को सामान्य करने में जुटी है। पथराव होने के कारण कुछ लोगों को मामूली चोट आई है।
कार्यकर्ताओं के साथ धरने पर बैठे विहिप नेता : बवाल के बीच विहिप जिलाध्यक्ष रामचंद्र शुक्ला बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं के साथ वहीं धरने पर बैठ गए। इस दौरान विहिप जिलाध्यक्ष ने पुलिस अधीक्षक पर सुरक्षा व्यवस्था न देने का आरोप मढ़ा। कहा कि बुधवार को शहर में बारावफात का जुलूस भी नहीं निकलने देंगे। नेताओं ने पुलिस अधीक्षक पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया और कहा कि पहले से पुलिस की सही व्यवस्था की गई हाेती तो यह बवाल नहीं होता। इस मौके पर नगर विधायक रत्नाकर मिश्र, रमाशंकर पटेल और जिलाध्यक्ष बालेंदुमणि त्रिपाठी भी पहुंंच गए थे।
एक घंटे बाद तक नहीं दिखे अधिकारी : शहर में बवाल के तनाव की स्थिति उत्पन्न होने आैर आधे शहर की दुकानें बंद होने के बाद भी घंटे भर तक कोई आलाधिकारी माैके पर नहीं पहुंंचा जिससे लोगों में पुलिस के प्रति आक्रोश दिखा। स्थानीय लोगों ने बताया कि घटना के बाद से ही पुलिस अधीक्षक का मोबाइल नंबर पहुंच से बाहर बताने लगा आैर देर रात तक उनका नंबर नहीं उठा। स्थानीय भाजपा नेताओं ने भी पुलिस पर लापरवाही का आराेप मढ़ा है।
बारावफात के जुलूस पर बवाल का अंदेशा : बुधवार को शहर में बारावफात का जुलूस निकाला जाना है आैर मंगलवार को हुए बवाल की वजह से जुलूस निकालने पर अंदेशा दिख रहा है। घटनास्थल पर विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता नारेबाजी के दौरान बारावफात का जुलूस न निकालने देने की बात पर माहाैल गर्म होता रहा। सूत्रों की मानें तो इससे दूसरे पक्ष के लोग भी लामबंद हो रहे हैं आैर माैके पर तनाव बरकरार है।